विधायक निधि से समग्र विकास की ओर बढ़ता आदर्श चम्पावत, जिले में हो रहें हैं तमाम विकास कार्य – मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय
टनकपुर (चम्पावत)।उत्तराखंड का जिला चंपावत अब तेजी से “आदर्श चंपावत” की परिकल्पना को साकार करता हुआ प्रदेश का प्रेरणास्रोत बनता जा रहा है। मुख्यमंत्री एवं स्थानीय विधायक पुष्कर सिंह धामी के मजबूत नेतृत्व और दूरदृष्टि का परिणाम है कि क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास कार्य तीव्र गति से सम्पन्न हो रहे हैं। इस आशय की जानकारी बुधवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय टनकपुर से जारी प्रेस विज्ञप्ति से प्राप्त हुई।
प्रेस रिलीज से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2023-24 के लिए रु. 5 करोड़ की विधायक निधि से चंपावत विधानसभा क्षेत्र में अनेक बहुप्रतीक्षित कार्य प्रारंभ किए गए हैं, जिनमें 127 संपर्क मार्गों का निर्माण हर गाँव को मुख्यधारा से जोड़ने की पहल, 49 मंदिरों का सौंदर्यीकरण – आस्था के केंद्रों को नव-रूप में सजाया गया हैं । 13 विद्यालयों का पुनर्निर्माण एवं मरम्मत कार्य, रामलीला मंच, जन मिलन केंद्र, स्वागत गेट, शौचालय, पार्क का सौंदर्यीकरण,सुरक्षा दीवारें, खेल सामग्री, सीसीटीवी, सिंचाई योजनाएं, 2 पुल, 12 नालियाँ, 6 सुरक्षा दीवारें, 9 जन मंच, और 10 प्रांगण निर्माण के कार्य किये जा रहें हैं।
यह पहली बार है जब मुख्यमंत्री की विशेष पहल पर कैंप कार्यालय के नोडल अधिकारी केदार सिंह बृजवाल द्वारा समस्त विधानसभा क्षेत्र की जनता से सीधे प्रस्ताव आमंत्रित किए गए, जिससे विकास कार्य जनभावनाओं के अनुरूप तय किए गए हैं। बताया सभी कार्य पारदर्शिता, गुणवत्ता और समयबद्धता के सिद्धांतों पर आधारित हैं। कार्यों की निगरानी हेतु क्षेत्र के वरिष्ठजनों एवं जनप्रतिनिधियों की विशेष निगरानी समिति गठित की गई है, जो समय-समय पर कार्यों की समीक्षा कर रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी प्रदेश के पहले ऐसे विधायक हैं जिन्होंने वर्ष 2023-24 की संपूर्ण विधायक निधि समय से आवंटित की। इससे पूर्व, वर्ष 2022-23 में भी रु. 3.75 करोड़ की राशि से प्रत्येक ग्रामसभा एवं नगर पालिका क्षेत्र में समग्र विकास कार्य जनसहभागिता से संपन्न कराए गए। “विधायक निधि के सार्थक उपयोग से जब हर गाँव, हर नागरिक को लाभ मिले—तब सच्चे अर्थों में ‘आदर्श चंपावत’ का सपना साकार होता है।”
इसके अतिरिक्त, वर्ष 2024-25 के लिए विकास की गति को और तीव्र करने हेतु नोडल अधिकारी द्वारा कार्यदाई संस्थाओं के साथ बैठकर आगामी रणनीति तैयार की गई है, जिससे आने वाले समय में और अधिक प्रभावी तथा ज़मीनी स्तर पर बदलाव सुनिश्चित किया जा सके।