जीवन बचाने की मुहिम – गर्भवती महिला को रात के दो बजे खटीमा जाकर रक्तदान कर पर्यावरण संरक्षण समिति के सदस्यों ने नवजात शिशु व प्रसूता को दिया जीवन दान, अध्यक्ष दीपा देवी के अथक प्रयासों से निभाया गया मानवता का धर्म, परिजनों ने जताया आभार।
टनकपुर (चम्पावत)। एक ओर जहाँ माँ पूर्णागिरी पर्यावरण संरक्षण समिति द्वारा अध्यक्ष दीपा देवी के नेतृत्व मे स्वच्छता, वृक्षारोपण, पॉलीथिन उन्मूलन, ईको ब्रिक्स अभियान चलाया जा रहा है, वही मानवीय संवेदनाओं से परिपूर्ण समिति द्वारा मानवीय मूल्यों को अपनाते हुए मानवता का धर्म निभाने की जीवन बचाने की मुहिम भी शुरू की गयी है। विगत रात्रि अध्यक्ष दीपा देवी के प्रयासों से समिति के तीन सदस्य रात के दो बजे खटीमा एक गर्भवती महिला को रक्तदान के लिए पहुंच गए, जहाँ एक सदस्य के रक्तदान से जच्चा बच्चा आज दोनों सुरक्षित है।
अध्यक्ष दीपा देवी ने बताया खटीमा के एक निजी अस्पताल मे टनकपुर की एक गर्भवती महिला प्रसव वेदना के चलते भर्ती थी। हालत गंभीर होने पर आपरेशन के लिए महिला को ब्लड की आवश्यकता हुई, लेकिन काफ़ी प्रयासों के बावजूद महिला के ग्रुप के न तो रक्तदाता ही मिल पाए और न ही ब्लड बैंक मे उस ग्रुप का रक्त मिला। बताते है रात के लगभग 1-30 बजे महिला व उनके परिजनों ने अध्यक्ष दीपा देवी को फोन किया और ब्लड ग्रुप बताकर ब्लड डोनेशन की व्यवस्था करने का अनुरोध किया। अध्यक्ष ने मामले की नाजुक स्थिति और गंभीरता को समझते हुए रात मे ही अपनी टीम से फोन पर ब्लड ग्रुप बताकर गर्भवती महिला के जीवन को बचाने के लिए रक्तदान किये जाने को प्रेरित किया। अध्यक्ष का अथक प्रयास आखिरकर रंग लाया और समिति के तीन सदस्य रक्तदान के लिए रात के दो बजे खटीमा के लिए रवाना हो गए। हालांकि समिति के एक सदस्य मनीष सिंह ने रक्तदान किया, बाकी दो सदस्यों के रक्तदान की नौबत ही नहीं आयी, सुबह के लगभग चार बजे गर्भवती महिला ने पुत्र को जन्म दिया। इस मानवता से परिपूर्ण कार्य के लिए महिला के परिजनों ने समिति के सदस्यो सहित अध्यक्ष का आभार व्यक्त किया।
अध्यक्ष दीपा देवी ने बताया समिति पर्यावरण संरक्षण के साथ ही अपने नागरिक दायित्वों का निर्वहन करने के लिए सदैव तत्पर रहेगी। उन्होंने कहा रक्तदान कर जच्चा बच्चा को जीवन दान देने वाले सदस्य मनीष सिंह को आने वाले समय मे समिति द्वारा सम्मानित किया जायेगा, वही रक्तदान के लिए खटीमा जाने वाले दो अन्य सदस्यों का भी उन्होंने आभार जताया, जो रात मे ही जीवन बचाने की मुहिम को लेकर रक्तदान के लिए खटीमा रवाना हो गए।