टनकपुर (ग्रामीण) पम्पिंग पेयजल योजना का जिलाधिकारी ने किया निरीक्षण, हर घर नल में जल सुनिश्चित करने, यूज़र चार्ज वसूलने और समुचित रख-रखाव पर दिए निर्देश।
टनकपुर (चम्पावत)। जनपद में संचालित पेयजल योजनाओं की गुणवत्ता एवं कार्यप्रणाली के प्रभावी संचालन को परखने हेतु जिलाधिकारी मनीष कुमार द्वारा टनकपुर (ग्रामीण) पम्पिंग पेयजल योजना का निरीक्षण किया गया। उन्होंने ओवरहेड टैंक से लेकर पम्प हाउस, वितरण लाइन, जलापूर्ति स्रोत और परिसर की स्वच्छता तक सभी बिंदुओं पर विस्तार से समीक्षा की। टनकपुर (ग्रामीण) पेयजल योजना स्थानीय आबादी की दैनिक जरूरतों को पूरा करने में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। योजना में स्थापित 150 कि.ली. क्षमता वाले ओवरहेड टैंक से पानी वितरण किया जाता है, जबकि कुल 420 घरों को घरेलू जल संयोजन उपलब्ध हैं।
जिलाधिकारी ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि हर घर नल में जल योजना का प्रमाणिकरण केवल कागज़ों तक सीमित न रहे, बल्कि सत्यापन वास्तविक रूप से नलों में पानी आने के आधार पर ही किया जाए। उन्होंने कहा “प्रमाणिकरण वास्तविक कार्य पर आधारित होना चाहिए। जनता को पानी मिल रहा है या नहीं, यह सबसे महत्वपूर्ण है। केवल दस्तावेज़ों में उपलब्धि दिखाना स्वीकार्य नहीं है।” इसके साथ ही उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि योजना को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए सभी परिवारों से नियमित यूज़र चार्ज वसूली सुचारू रूप से प्रारंभ करें। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने पम्प हाउस परिसर की स्वच्छता, सुरक्षा और नियमित साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वितरण लाइन की नियमित लीकेज जांच, उपभोक्ताओं की शिकायतों का समयबद्ध निस्तारण, टैंक की नियमित सफाई और क्लोरीनेशन वैज्ञानिक तरीके से करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर जल निगम के अधिशासी अभियंता अशोक स्वरूप समेत अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

