चम्पावत जिले के सूखीढांग में जल संस्थान की लापरवाही के चलते तीन दिनों से पीने के पानी के लिए तरस रहें है लोग, आंदोलन का किया ऐलान।
सुखीढांग (चंपावत) । जल संस्थान की घोर लापरवाही के चलते तीन दिनों से लोग बूंद बूंद पानी को तरस रहें है। होली के बाद अपने गंतव्य स्थानों को आवागमन कर रहे राहगीरों को भी सूखीढांग में पेयजल की भारी किल्लत से होकर गुजरना पड़ रहा है।मंगलवार की सुबह तक पेयजल आपूर्ति बहाल न होने पर टनकपुर के मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में धरना प्रदर्शन किये जाने का ग्रामीणों नें ऐलान किया है। इस आशय की जानकारी तल्ला पाल विलोंन संघर्ष समिति सूखीढांग के संयोजक पं शंकर जोशी से सोमवार की शाम प्राप्त हुई। प्रेस कों जारी बयान में श्री जोशी नें बताया आजादी के आंदोलन में सात स्वतंत्रता सेनानी देने वाले सूखीढांग क्षेत्र में आजादी के सात दशकों बाद भी शासन प्रशासन की उपेक्षा के कारण क्षेत्रवासियों को आज भी बूंद बूंद पानी के लिए मोहताज होना पड़ रहा हैं। जल जीवन मिशन योजना में तीन वर्ष पूर्व पम्प हाउस बनाकर घर घर नल तो लगा दिए हैं, मगर पम्प हाउस को अभी तक चालू नहीं किया गया है। जबकि पाइप लाइन ओपन होने से आयें दिन पानी की लाइन टूट जाती है। जिससे कभी भी पेयजल संकट उत्पन्न हो जाता है। विभाग में दशकों से कुंडली मार कर बैठे अधिकारी व कर्मचारी केवल योजनाओं के नाम पर जमकर लूट खसोट कर रहे हैं। जनसरोकारों व जनसमस्याओं से किसी को कोई लेना देना नहीं है। मुख्यमंत्री के मॉडल जिले में अधिकारी बेलगाम हो चुके हैं। जल जीवन मिशन योजना सफेद हाथी साबित हो रही हैं। स्वतंत्रता सेनानी के पुत्र नब्बे वर्षीय दीवान सिंह राना का कहना है कि पेयजल उपलब्ध कराने में आज तक सरकारें नाकाम रही हैं। उत्तराखंड राज्य बनने से बहुत अपेक्षाएं थीं, जो नेताओं और अफसरशाही ने चौपट कर दी हैं। आम जनता को पीने का पानी तक न दे पा रही सरकार से अब कोई उम्मीद नजर नहीं आ रहीं है । तल्ला पाल विलौन संघर्ष समिति सूखीढांग के संयोजक पंडित शंकर जोशी ने बताया कि क्षेत्रवासियों में तीव्र आक्रोश व्याप्त है लोग सड़कों पर उतरनें कों मजबूर है। उन्होंनें कहा अगर मंगलवार की सुबह तक पेयजल आपूर्ति सुचारु नहीं हुई तो मजबूरन हमें आंदोलन का रास्ता अख्तियार करने पर बाध्य होना पड़ेगा।