आस्था का धाम – चालिस दिन में पूर्णागिरि धाम में 10 लाख से अधिक लोगो ने किए माँ के दर्शन, तीर्थ यात्रियों को बेहतर सुविधाये देने के लिए सरकार एवं जिला प्रशासन बनाए हुए है लगातार नज़र। 

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आस्था का धाम – चालिस दिन में पूर्णागिरि धाम में 10 लाख से अधिक लोगो ने किए माँ के दर्शन, तीर्थ यात्रियों को बेहतर सुविधाये देने के लिए सरकार एवं जिला प्रशासन बनाए हुए है लगातार नज़र।

➡️ पूर्णागिरि मेला वर्षभर आयोजित करने की सीएम की घोषणा के बाद जिला प्रशासन कर रहा है गहन अध्ययन.

टनकपुर (चम्पावत)। उत्तर भारत के सुप्रसिद्ध पूर्णागिरि धाम में आस्था एवं श्रद्धा का सैलाब उमड़ता जा रहा है।होश उड़ा देने वाली गर्मी के बीच पूर्णागिरि धाम के चारों ओर के वनों से निकल रही ठंडी हवा ना केवल तीर्थ यात्रियों का स्वागत कर रही है, बल्कि उनकी आस्था व विश्वास को और प्रगाढ़ कर रही है। तीर्थ यात्रियों में अभी तक एक लाख से अधिक ऐसे लोग शामिल है जो जीवन के अंतिम पड़ाव में पहुँच कर यहाँ माँ पूर्णागिरि का आशीर्वाद लेने ले लिए आ रहे है। मेले में तीर्थ यात्रियों को बेहतर सुविधाये दिए जाने के लिए जहाँ जिलाधिकारी नवनीत पाण्डे रोज़ सब व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे है, वही तीर्थ यात्रियों को सुरक्षा प्रदान करने में पुलिस अधीक्षक अजय गणपति द्वारा उसी दृष्टिकोण से तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा ही नहीं पुलिसकर्मी उन्हें ऐसे संस्कारों से सेवा कर रहे है की मेले में वही तीर्थयात्री आ रहे है जिन्होंने प्रयागराज में हुए विश्व के सबसे ऐतिहासिक महाकुंभ में स्नान किया था। जहाँ उन्हें बेहतर सुविधाये मिली थी इसी अवधारणा को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिशा निर्देशन में पुलिस व प्रशासन यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने में लगा हुआ है।

मेले में जब कोई पुलिसकर्मी अपने माता पिता की तरह वृद्धजनों को दर्शन करा रहा हो, तथा गुमशुदा बच्चो से परेशान माता पिता के सामने गोद में खिलाये हुए बच्चे को कोई पुलिसकर्मी उनके सामने लाकर उनके चेहरो में मुस्कान लाता है। यही संस्कार पुलिस को दिए हुए है जिसके एवज में उन्हें तीर्थ यात्रियों की दुआए मिल रही है। मेला क्षेत्र में विभिन्न विभागों के मध्य सहयोग एवं समन्वय का माहौल होने के कारण सभी व्यवस्थाएं सुचारू ढंग से चल रही है। जिलाधिकारी नवनीत पाण्डे एवं पुलिस अधीक्षक अजय गणपति का कहना है कि मुख्यमंत्री के द्वारा इस मेले को वर्षभर आयोजित करने की घोषणा के बाद यहाँ अवस्थापना विकास के विभिन्न पहलुओं पर अध्ययन भी किया जा रहा है। जिससे हम देश के कोने कोने से आने वाले तीर्थ यात्रियों को वैसी ही सुविधायें दे सके जैसी उन्हें इस बार महाकुंभ के दौरान मिली थी। हालाकि वर्षभर मेला आयोजित करने में कुछ समय लगेगा अलबत्ता मुख्यमंत्री धामी का स्पष्ट कहना है कि यहाँ देश के विभिन्न भागों से आने वाले तीर्थ यात्रियों को ऐसी बेहतर सुविधाएं देने में सक्षम हो सके जिसमे साधनों और संसाधनों की कोई कमी नहीं रहेगी। मुख्यमंत्री का यह भी मानना है कि पूर्णागिरी धाम में आने वाले तीर्थ यात्रियों का रूख चंपावत जिले के विभिन्न धार्मिक और पौराणिक स्थानों से भी रूबरू कराए जाने से यहां पर्यटन विकास का नया युग भी शुरू होगा।

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