हीरा बल्लभ बने डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कारपोरेशन ऑफ इंडिया के नए प्रबंध निदेशक, उत्तराखंड के छोटे से गांव से निकलकर ये उपलब्धि की हासिल।

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हीरा बल्लभ बने डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कारपोरेशन ऑफ इंडिया के नए प्रबंध निदेशक, उत्तराखंड के छोटे से गांव से निकलकर ये उपलब्धि की हासिल

चम्पावत। रेल मंत्रालय भारत सरकार के उपक्रम डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कारपोरेशन ऑफ इंडिया के वित्त निदेशक हीरा बल्लभ ने इसी उपक्रम में आज बतौर प्रबंध निदेशक का पदभार ग्रहण किया। विदित हो कि DFCCIL भारत सरकार रेल मंत्रालय का एक महत्वपूर्ण उपक्रम है। जो  (DFC) परियोजना की योजना, विकास और कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार है। डीएफसी परियोजना भारत की सबसे बड़ी रेल अवसंरचना परियोजना है। इसका उद्देश्य भारत में रेल परिवहन प्रणाली की दक्षता और क्षमता को बढ़ाना तथा माल परिवहन लागत को कम करना है। इसकी लागत सवा लाख करोड़ से भी अधिक रही है। वर्तमान में इसकी कोलकाता – दिल्ली – मुंबई के बीच सैकड़ो मालगाड़ियां चल रही हैँ।

आखिर कौन हैं हीरा बल्लभ जानते है संक्षिप्त परिचय –

उत्तराखंड राज्य में जिला चम्पावत के देवीधुरा के एक छोटे से गांव “वारी” में जन्मे श्री हीरा बल्लभ जोशी, पिता स्वर्गीय पंडित केशव दत्त, माता श्रीमती दुर्गा देवी के पुत्र हैं। जिन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत 1992 में सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण कर एक वरिष्ठ रेल अधिकारी से की, और बाद में भारत सरकार के विभिन्न महकमों में एक जिम्मेदार पदों में पदस्थ रहे। आज रेल मंत्रालय के अहम उपक्रम में प्रबंध निदेशक का अतिरिक्त कार्यभार मिला है। जो क्षेत्र के लिए गौरव की बात है। विभिन्न क्षेत्रों में अतुलनीय योगदान हेतु श्री जोशी को अनेक पुरुस्कारों से विभूषित किया गया है। आपने सनातन धर्म आदि पर कई पुस्तकें भी लिखी हैँ। आपका देवीधुरा के पास वारी गांव में जन्म हुआ, कक्षा पांच प्राइमरी पाठशाला वारी , इंटर देवीधुरा से तथा ग्रेजुएशन नैनीताल से किया। आपने जटिल और कठिन स्थितियों में पढ़ाई की।

MA, व M Phil दिल्ली स्थिति JNU से किया । रेलवे, दिल्ली नगरपालिका, भारतीय खेल प्राधिकरण जैसे प्रमुभ विभागों पर आपनें जिम्मेदार पदों पर कार्य किया। विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट सेवा हेतु आपको राष्ट्रपति पदक एवं अनेक पुरुस्कार प्राप्त हैं । सनातन धर्म, भारतीय खेल, वित्त आदि विषयों पर आपके द्वारा पुस्तकें लिखी है। आपने वास्तव में जनपद चम्पावत सहित समूचे उत्तराखंड राज्य का नाम रोशन किया है।

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