मोस्टा- डिजिटल मीडिया की खबरों का हुआ असर, चम्पावत जिले के मोस्टा में अवैध खनन की जाँच को पहुंची टीम, लेकिन मौके से मशीने मिली गायब, खबरें प्रकाशित होनें बाद दो दिन से मोस्टा में नहीं हों पा रहा है खनन।
चम्पावत। जिला मुख्यालय चम्पावत के तोक “मोस्टा” में लगातार मशीनो के द्वारा नियमों को ताक पर रखकर खनन निकासी की जा रहीं थीं। जिसकी सूचना प्राप्त होनें पर “डिजिटल मीडिया” की टीम मंगलवार को मोस्टा पहुंची, जहाँ पोकलेण्ड के द्वारा खनन निकासी का कार्य किया जा रहा था। डिजिटल मीडिया द्वारा मामले की कवरेज कर बुधवार को खबर का प्रकाशन किया गया, जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया और प्रभारी जिलाधिकारी जयवर्धन शर्मा के निर्देश पर गुरूवार को तहसीलदार चम्पावत जगदीश नेगी नें मोस्टा, सीम, चूका का निरीक्षण किया। लेकिन बताया जा रहा है कार्यवाही के दौरान वहाँ मशीने नहीं मिली, हालांकि दो दिन से वहाँ से खनन निकासी अवश्य बंद बतायी जा रहीं है। वहीं प्रशासन नें प्रवर्तन/छापेमारी की कार्यवाही निरंतर जारी रखने का दावा किया है।
उल्लेखनीय है कि चंपावत जिले के मोस्टा क्षेत्र में खनन विभाग द्वारा जारी खनन पट्टों में पोकलैंड मशीन से नदी का सीना चीर कर खनन नियमों की धज्जियाँ उड़ायी जा रही है। खनन पट्टाधारकों द्वारा दिन दहाड़े पोकलैंड मशीन से रेता, बजरी और बेड मैटेरियल निकाला जा रहा है। जबकि खनन पट्टों के नियम से यह खनन मैन्युअल ही हो सकता है। लेकिन सीएम धामी की विधानसभा होने के बावजूद भी खनन पट्टा धारक इतने बेखौफ हो चुके है कि उन्हे किसी भी तरह से विभागीय कार्यवाही का खौफ नही है। खनन क्षेत्र में पोकलैंड के माध्यम से खनन कर खनन नियमावली व एनजीटी के नियमो का मजाक बनाया जा रहा है। “डिजिटल मीडिया” में खबर प्रकाशित होनें के बाद प्रशासन हरकत में आया लेकिन जाँच के दौरान पोकलेण्ड को खनन क्षेत्र से हटा दिया गया, और जाँच टीम को बैरंग लौटना पड़ा।
गौरतलब है पूरे प्रदेश में अवैध खनन सहित खनन नियमों के उल्लंघन की तमाम खबरें जहां आए दिन सामने आती रहती है। वही अगर खनन से जुड़े लोगो द्वारा खनन नियमों के मखौल प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी की विधानसभा में उड़ाया जाय तो यह विषय और गंभीर हो जाता है। ताजा मामला सीएम धामी की विधानसभा चम्पावत के मोस्टा क्षेत्र में खनन विभाग द्वारा जारी खनन पट्टों का है।जो चूका से दो से ढाई किलोमीटर आगे नदी क्षेत्र में पड़ता है। जहां पर खनन पट्टा धारकों द्वारा खनन नियमावली का दिन दहाड़े मखोल उड़ाया जा रहा है।
“चम्पावत वॉयस” ने मोस्टा खनन पट्टा क्षेत्र में ग्राउंड जीरो पर पहुंच खनन नियमों के उलंघन करते पट्टा धारकों की उन तस्वीरों को कैद किया है। जो इस क्षेत्र में विभागीय उदासीनता को भी दर्शा रहा है कि आखिर किस तरह खनन विभाग द्वारा जारी खनन पट्टों में खनन नियमावली का सरेआम मखोल उड़ रहा है, लेकिन खनन विभाग उदासीन बना बैठा है। वहीं इस सम्बन्ध में चम्पावत जिले की खनन अधिकारी चित्रा जोशी शिकायत मिलने की बात तो कहती हैं, लेकिन विभागीय कार्मिकों की कमी होना भी बताती हैं। उन्होंनें कहा फिर भी इस मामले में जाँच कर वैधानिक कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। खनन क्षेत्र में एनजीटी के नियमो का जिस तरह मजाक बनाया जा रहा है, उसे देख खनन पट्टाधारकों की विभागीय व प्रशासनिक मिलीभगत से इंकार नही किया जा सकता। अब बड़ा सवाल यह उठता है बेखौफ हो चुके खनन पट्टा धारकों को खनन नियमावली के हिसाब से खनन करवाने व खनन नियमों के मखौल पर उन पर कड़ी कार्यवाही कर राज्य सरकार के स्वच्छ प्रशासन के दावों की हकीकत को धरातल पर उतार कड़ी कार्यवाही आखिर खनन विभाग व जिला प्रशासन कब करता है। यह देखने वाली बात होगी।
बताते चलें सरकार की स्वच्छ छवि पर खनन पट्टाधारक बट्टा लगाने का कार्य कर रहें है, सूबे के मुखिया की विधानसभा में सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओ के इतर पट्टा धारको द्वारा पलीता लगाने का कार्य किया जा रहा है, जिस पर नकेल कब कसेगी ये बड़ा सवाल हैं।
*जाँच टीम के पहुंचने से पहले ही खनन क्षेत्र में पहुँच जा रहीं हैं सूचना।*
चम्पावत। मोस्टा में हों रहें खनन कार्य के पट्टाधारको का नेटवर्क इतना मजबूत बताया जा रहा हैं कि ककराली गेट से पूर्णागिरि रोड पर अधिकारियों के वाहन मुड़ते ही खनन क्षेत्र में सूचना पहुँच जा रहीं हैं, टीम पहुंचने से पहले ही पोकलेण्ड और जेसीबी को जंगलो में छुपा दिया जा रहा हैं. नतीजा जाँच टीम को बैरंग लौटना पड़ रहा हैं।