पर्यावरण को समर्पित हरेला पर्व के अवसर पर जिलाधिकारी नवनीत पांडे ने किया पौधारोपण, और जनपद वासियों को दी हरियाली के प्रतीक हरेला पर्व की शुभकामनायें व बधाई
चम्पावत। हरेला पर्व पर जिले में विभिन्न प्रजातियों के हजारों पौधे रोपे गए जिनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी भी ली गई, आम सहभागिता से हरेला पर्व पूरे जनपद में धूमधाम से मनाया गया।
समृद्ध हरियाली व सांस्कृतिक विरासत का परिचायक लोकपर्व हरेला जनपद में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
पर्यावरण को समर्पित तथा हरियाली के प्रतीक हरेला पर्व के अवसर पर जिलाधिकारी नवनीत पांडे ने विकासखण्ड चंपावत के ग्राम पंचायत डूंगरासेठी में पौधारोपण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया*। इसके अतिरिक्त उन्होंने लोहाघाट के ग्राम पंचायत पाटन पाटनी में तथा जिला कलेक्ट्रेट परिसर में वृक्षारोपण किया और जनपद वासियों को हरेला पर्व की शुभकामनायें व बधाई दी।
जिले में कुल 295 स्थान में पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित कर विभिन्न प्रजाति के पौधे रोपे गए, इसके अतिरिक्त 28 स्थानो में वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किये गये।
एक पेड़ मां के नाम अभियान और हरेला पर्व के अवसर पर जनपद के विभिन्न स्थानों पर पौधारोपण किया गया जिसमें विभिन्न प्रजातियों के पौधों का रोपण किया गया।
जिले के विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने उत्साहजनक भागीदारी कर विभिन्न प्रजाति के फलदार व चारा प्रजाति के पौधे रोपित किए। इस अवसर पर जल संरक्षण एवं जल धाराओं का पुनर्जीवन के लिए सतत और साझा प्रयास किए जाने के संकल्प के साथ जिलाधिकारी ने हरेला पर्व विकास खंड चंपावत के डूंगरासेठी, विकास खंड लोहाघाट के ग्राम पाटन पाटनी के साथ ही झुमाधुरी मंदिर परिसर में भी पौधरोपण किया।
जिलाधिकारी श्री पांडे ने कहा कि हमे प्रकृति को संजो कर रखने की आवश्यकता है, प्रकृति से ही हमारा जीवन व आने वाला जीवन सुरक्षित है। हमें एक ऐसे पर्यावरण को विकसित करना है जो हम विरासत की तौर पर अपने आने वाली पीढ़ी को दे सके। उन्होंने कहा कि सभी को समर्पित भाव से प्रकृति संरक्षण की दिशा में आगे बढ़ना होगा और आने वाली पीढ़ी को शुद्ध पर्यावरण मिले, इसके लिए पर्यावरण संरक्षण हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होने कहा कि जिस तरह से दिन प्रतिदिन भू-जल स्तर कम होने के साथ साथ साल दर साल अत्याधिक गर्मी हो रही है वह एक चिंता का विषय है इस लिये हमे आज से और अभी से पानी, पर्यावरण को बचाना होगा, जिसके लिये अधिक से अधिक वृक्ष लगाने की आवश्यकता है ताकि आने वाली पीढि को पानी व आक्सीजन की कमी से जुझना न पड़े।
उन्होंने कहा कि हमे दृढ़ संकल्प लेना होगा कि जो पौधे लगाए हैं, उनकी देख-रेख एवं संरक्षण करना भी हमारा दायित्व हैं।
इसके अतिरिक्त जिलाधिकारी ने कहा कि की सतत विकास लक्ष्य में उत्तराखंड पूरे देश में प्रथम स्थान पर आया है जिलाधिकारी ने कहा कि हमें प्रयास करना है कि राज्य सतत विकास में प्रथम स्थान पर बना रहे। उन्होंने कहा कि इसमें जल संरक्षण और वृक्षारोपण का बहुत महत्व है।
पूरे जनपद में हरेला पर्व के अवसर पर वृहद वृक्षारोपण किया जा रहा है, सभी वन पंचायतों तथा प्रत्येक विकासखंडों में वृहद वृक्षारोपण के तहत विभिन्न प्रजातियों के फलदार व चारा पत्ती के पेड़ लगाए गए।डुंगरासेठी में आयोजित कार्यक्रम में उत्तराखंड अर्बन सेक्टर डेवलेपमेंट एजेंसी का विशेष सहयोग रहा।
इसके अतिरिक्त सुरक्षा बलों आईटीबीपी, एसएसबी व पुलिस जवानों द्वारा तथा एनसीसी, एनएसएस व नर्सिंग कालेज के छात्र-छात्राओं तथा महिला समूहों, मंगल दलों व जनसमान्य द्वारा वृहद वृक्षारोपण में प्रतिभाग कर वृक्षारोपण किया गया।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक अजय गणपति ने सभी जनपद वासियों को हरेला दिवस की बधाई देते हुए कहा कि हरेला का पर्व पारंपरिक परंपरा के साथ बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है, हरेला पर्व विशेष तौर पर प्रकृति से जुड़ा हुआ है और जिसे हरियाली के आने का प्रतीक माना जाता है।
हरेला दिवस की बधाई देते हुए आइटीबिपी कमांडेंट धर्मपाल सिंह ने कहा की कुमाऊं क्षेत्र का प्रसिद्ध पर्व है जो बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इसको मनाए जाने का विशेष कारण पर्यावरण को सुरक्षित रखना है हमें बाज बुरांश के पौधे अधिक से अधिक लगने चाहिए यह पेड़ भू कटाव को रोकने के अतिरिक्त जल संरक्षण तथा पशुओ हेतु चारे के रूप में भी बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं इसके अतिरिक्त उन्होंने कहा कि जिस प्रकार वन अग्नि की घटनाएं हुई यह आवश्यक है कि हम सभी को कम से कम एक पेड़ जरूर लगाया जाए।
इस अवसर पर विधायक प्रतिनिधि चंपावत प्रकाश तिवारी ने कहा कि श्रावण के पहले दिन मनाया जाने वाला यह पर्व कृषि से जुड़ा है। पवित्र श्रावण मास शुरू होने से पूर्व कुमाऊं क्षेत्र के लोग घरों में विभिन्न अनाजों का रोपण करते हैं। हरेला के लिए बोए गए अनाज की पूजा अर्चना के साथ इनकी पत्तियों को शिरोधार्य किया जाता है।
ब्लाक प्रमुख चंपावत रेखा देवी ने हरेला पर्व के अवसर पर कहां की हरेला पर्व पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता है यह त्यौहार केवल हरियाली का प्रतीक ही नहीं अपितु ऋतु आगमन का भी प्रतीक है जो प्रकृति के साथ हमारा सामंजस्य स्थापित करता है हम सभी को पर्यावरण बचाने के लिए एक-एक पौधा लगाने की आवश्यकता है पर्यावरण को बचाना हम सभी का कर्तव्य होने के साथ-साथ हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है।
ब्लॉक प्रमुख लोहाघाट नेहा ढेक ने कहा कि आज का वृक्षारोपण हमारा भविष्य तय करेगा। हम अपनी आने वाली पीढ़ी को एक बेहतर वातावरण विरासत के रूप में देकर जाएं इसका प्रयास करना होगा इसलिए अभी से हमें वृक्षों को लगाने के साथ-साथ उनकी देखभाल भी करनी होगी।
हरेले के अवसर पर प्रभागीय वनाधिकारी आरसी कांडपाल ने सभी को हरेले की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वृक्ष ही जीवन का आधार हैं और इन्हीं से जीवन के लिए प्राण वायु प्राप्त होती है। वृक्ष प्रकृति का संतुलन बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। वर्तमान वातावरण के दृष्टिगत प्रत्येक की जिम्मेदारी है कि वह एक पेड़ अवश्य लगाएं। आज आवश्यक है कि शुद्ध पर्यावरण के लिए सभी को पर्यावरण सुरक्षित रखने के लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाएं। पूरे जनपद में हरेला पर्व के अवसर पर वृहद वृक्षारोपण किया जा रहा है, प्रभागीय वनाधिकारी ने बताया कि वन विभाग द्वारा पूरे मानसून काल में जनपद में लगभग 10 लाख पौधे रोपे जाएंगे तथा लगाए गए पौधों के लिए सुरक्षात्मक कार्य व उनकी देखरेख भी की जाएगी।
मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार सिंह ने सभी को हरेले की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हरेला का पर्व पारंपरिक रूप के साथ बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है।हरेला पर्व विशेष तौर पर प्रकृति से जुड़ा हुआ है और जिसे हरियाली के आने का प्रतीक माना जाता है। जिसको लेकर लोगों में भी खासा उत्साह देखा जा रहा है।
पौधारोपण कार्यक्रम में विभिन्न जनप्रतिनिधियों, ग्रामीणों, महिला स्वयं सहायता समूहों की सदस्य,एसएसबी,आईटीबीपी, पु लिस के जवानों के साथ ही जिले के सभी विभागों के अधिकारी,कर्मचारियों विद्यालायी छात्र छात्राएं, एनसीसी, एनएसएस कैडेट्स द्वारा बढ़चढ़ कर प्रतिभाग किया और पौधे रोपे गए।
इस अवसर पर ब्लाक प्रमुख चंपावत रेखा देवी, लोहाघाट नेहा ढेक, विधायक प्रतिनिधि चंपावत प्रकाश तिवारी सहित ग्राम प्रधान डूंगरासेठी महेंद्र चौधरी, पाटन पाटनी जानकी बोरा, जिला विकास अधिकारी दिनेश दिगारी सहित अन्य अधिकारी, कार्मिक, एसएसबी,आईटीबीपी, पुलिस के जवान, जन सामान्य, छात्र छात्राएं, महिला समूह, मंगल दल की महिलाएं, एनसीसी, एनएसएस कैडेट्स आदि उपस्थित रहे।