श्री राधा शरणम् सेवा समिति के द्वारा चालीस दिवसीय हनुमान चालीसा पाठ का शुक्रवार से हो रहा है शुभारम्भ, समिति अध्यक्ष कपिल भार्गव नें दी जानकारी। 

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श्री राधा शरणम् सेवा समिति के द्वारा चालीस दिवसीय हनुमान चालीसा पाठ का शुक्रवार से हो रहा है शुभारम्भ, समिति अध्यक्ष कपिल भार्गव नें दी जानकारी।

➡️ विगत तीन वर्षों से 40 दिन तक लगातार अलग अलग घरों में श्री हनुमान चालीसा पाठ का किया जा रहा है आयोजन.

बनबसा (चम्पावत)। चालीस दिवसीय हनुमान चालीसा पाठ का शुभारम्भ 12 दिसम्बर शुक्रवार से होने जा रहा है। जो टनकपुर, बनबसा और खटीमा में अलग अलग घरों में किया जायेगा। श्री राधा शरणम् सेवा समिति के द्वारा विगत तीन वर्षों से 40 दिन तक लगातार अलग अलग घरों में श्री हनुमान चालीसा पाठ का आयोजन किया जा रहा है। इस आशय की जानकारी समिति अध्यक्ष व प्रसिद्ध भजन गायक कपिल भार्गव से प्राप्त हुई।

समिति के अध्यक्ष कपिल भार्गव ने जानकारी देते हुए बताया कि हनुमान जी के चालीस दिवसीय हनुमान चालीसा पाठ की शुरुआत वृन्दावन के संतों के आदेश से तीन वर्ष पूर्व हुई थी, जिसमें चालीस घरों का चयन कर संध्या के समय प्रत्येक दिन अलग अलग घरों में जाकर समिति से जुड़े भक्तों के साथ हनुमान चालीसा, महामंत्र और रामनाम का जप किया जाता है। समिति का उद्देश्य युवाओं को साथ जोड़कर ईश्वर के मार्ग का अनुपालन कर अपने जीवन को सार्थक बनाने का है। श्री राधा शरणम् सेवा समिति के द्वारा धार्मिक कार्यों के अंतर्गत विगत 11 वर्षों से सावन माह में प्रत्येक सोमवार को शारदा घाट बनबसा में विशाल मां शारदा आरती का आयोजन किया जाता है। जिसमें क्षेत्रीय लोगों के अलावा पड़ोसी देश नेपाल से भी श्रद्धालु आकर आरती का हिस्सा बनते है। श्री राधा शरणम् सेवा समिति के द्वारा प्राचीन मंदिरों और धार्मिक स्थानों को पहचान दिलाना और सबके जीवन में भाव पूर्वक ईश्वर का ध्यान करना, लावारिस लाशों का संस्कार कराना जैसे कार्य शामिल है। आज के समाज में जहां एक और नशे का प्रचलन बढ़ रहा है और आने वाली पीढ़ी इससे बहुत अधिक प्रभावित है, समिति के द्वारा किए जा रहे कार्यों से समाज में एक नई पहल की जा रही है। समिति के सदस्यों द्वारा बनबसा में स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर में सन 2000 से प्रत्येक मंगलवार को रात्रि 8 बजे से हनुमान चालीसा का पाठ भी किया जाता है। संतों का आचरण हम अपने जीवन में उतारें और सही मार्ग का अनुसरण करते हुए एक सच्चे सनातनी बने और नए भारत का निर्माण करें। समिति के द्वारा बताया गया कि भविष्य में और भी कई प्रकार के समाज हित के और धार्मिक कार्य किए जायेंगे।

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