सितारगंज – हिंदी पखवाड़े का 57 वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल सितारगंज में शुभारंभ, सरकारी कार्यों मे आधिकाधिक हिंदी भाषा का प्रयोग करने के दिए निर्देश।

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सितारगंज – हिंदी पखवाड़े का 57 वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल सितारगंज में शुभारंभ, सरकारी कार्यों मे आधिकाधिक हिंदी भाषा का प्रयोग करने के दिए निर्देश।

सितारगंज (उधमसिंहनगर)। रविवार को 57 वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल, सितारगंज में हिंदी पखवाड़े का विधिवत शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर मनोहर लाल, कमांडेंट की अध्यक्षता में उद्घाटन समारोह आयोजित किया गया। अपने उद्घाटन भाषण में कमांडेंट ने संविधान के अनुच्छेद 343 का उल्लेख करते हुए बताया कि 26 जनवरी 1950 को हिंदी को भारत की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया गया था। उन्होंने बताया कि 1963 के आधिकारिक भाषा अधिनियम और उसके पश्चात हुए संशोधनों के तहत, हिंदी को प्रगतिशील रूप से सरकारी कार्यों की भाषा के रूप में अपनाया गया है। कमांडेंट ने हिंदी भाषा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हिंदी देश की सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है, जो प्रशासनिक कार्यों में गति, पारदर्शिता और एकरूपता लाती है। उन्होंने बताया कि हिंदी के प्रचार-प्रसार हेतु विभिन्न प्रतियोगिताएं जैसे – हिंदी निबंध लेखन, सुविचार लेखन, हिंदी टाइपिंग परीक्षा एवं हिंदी भाषण प्रतियोगिता आयोजित की जाएंगी। उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि कार्यालयी कार्यों में हिंदी भाषा का अधिकाधिक उपयोग किया जाए और कर्मचारियों को इसके लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। समारोह में डॉ. बी. बी. सिंह (द्वितीय कमान अधिकारी – चिकित्सा), दीपक सिंह जायडा (उप कमांडेंट), अरविंद कुमार, असि. कमांडेंट, निरीक्षक मंत्रालीक मेघवाल, निरीक्षक मुन्नी बाई, प्रकाश चन्द्र जोशी, विमल कुमार जोशी, उप निरीक्षक सुनील बांद्राल, महिपाल सिंह, राजेश कुमार, ईश्वर दयाल, राजू कुमार सिंह, महियाल सिंह, ज्योति शंकर पटेल, मुख्य आरक्षी प्रीतम कुमार, आरक्षी विजेंद्र कुमार सहित अनेक अधिकारी व कार्मिक उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में मनोहर लाल, कमांडेंट ने समस्त कार्मिकों से आह्वान किया कि वे हिंदी पखवाड़े के दौरान तथा इसके उपरांत भी राजभाषा हिंदी के अधिकाधिक प्रयोग हेतु संकल्प लें और राष्ट्र की एकता, अखंडता एवं प्रशासनिक सुदृढ़ता में अपना योगदान दें।

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