शिक्षण गतिविधियों के बेहतर प्रबंधन के उद्देश्य से मल्लिकार्जुन स्कूल लोहाघाट के अनावरण समारोह में प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया प्रतिभाग।

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शिक्षण गतिविधियों के बेहतर प्रबंधन के उद्देश्य से मल्लिकार्जुन स्कूल लोहाघाट के अनावरण समारोह में प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया प्रतिभाग।

लोहाघाट में नए स्कूल का किया उद्घाटन, कहा- ‘हर बच्चे को बेहतर शिक्षा देना हमारा मकसद – मुख्यमंत्री

लोहाघाट (चम्पावत)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मल्लिकार्जुन स्कूल लोहाघाट का दीप प्रज्वलित कर लोकार्पण करते हुए स्कूल के उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी। उन्होंनें कहा कि यह भवन स्व. मल्लिकार्जुन जोशी जी द्वारा इस पर्वतीय क्षेत्र में बच्चों को उत्कृष्ट एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए जो परिकल्पना की गई थी, उस परिकल्पना का यह एक मूल रूप है। विद्यालय परिवार/संस्था के सभी सहयोगी इस विद्यालय भवन जो केवल एक ईंट व पत्थर से निर्मित एकमात्र आधारभूत संरचना ही नहीं, अपितु हमारे बच्चों के लिए उज्ज्वल भविष्य का आधार है। उसे आगे बढ़ाने के लिए कार्य करें। उन्होंने कहा कि विद्यालय के प्रयोगशाला में बच्चों ने बहुत ही शानदार प्रयोग मुझे दिखाए, मैं उन सभी बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि मल्लिकार्जुन विद्यालय के बच्चे विभिन्न क्षेत्रों में जाएंगे और निश्चित रूप से यह सब हमारे भविष्य हैं। इनमें से कोई डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक, पत्रकार, प्रशासनिक सेवा में जाएगा, उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में भी वो जाएंगे उन क्षेत्रों को नेतृत्व देने का काम करेंगे। साथ ही निश्चित रूप से उनके व्यक्तित्व के निर्माण में उनके पूरे संस्कारों में मल्लिकार्जुन विद्यालय के द्वारा जो संस्कार उनमें भरें जाएंगे वे उनके संपूर्ण जीवन भर काम आएंगे। उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिक शिक्षा माता-पिता से प्रारंभ होती है. उसके बाद बच्चों को शिक्षा, संस्कार, व्यक्तित्व का विकास विद्यालय द्वारा किया जाता है। शिक्षण संस्थान बच्चों के व्यक्तित्व निर्माण की दिशा में बहुत बड़ा योगदान दे रहे हैं। शिक्षा व्यवस्था किसी भी समाज के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण आधार स्तंभ है। बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ उनके संपूर्ण व्यक्तित्व का विकास करना भी अत्यंत महत्वपूर्ण उन्होंनें कहा कि आज जिस नए विद्यालय का लोकार्पण हुआ है उम्मीद है कि शिक्षा के क्षेत्र में और तेज गति से हमारे छात्र-छात्राओं को रोजगार हेतु शिक्षा देकर एवं प्रतियोगी परीक्षाओं में भी उनको सफलता प्राप्त करने में सहायता करेंगे। उन्होंने नई शिक्षा नीति का जिक्र करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति आने से शिक्षा के क्षेत्र में प्रोत्साहन होना प्रारंभ हुआ है। जिससे बच्चों और युवाओं में निश्चित रूप से एक वैज्ञानिक सोच का भी विकास होगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड देश का पहला ऐसा राज्य है जिसने स्कूली शिक्षा में नई शिक्षा नीति को लागू किया है। साथ ही अवगत कराया कि 11वीं शताब्दी तक हमारी प्राचीन भारतीय शिक्षा का जो गौरव था, वह अपने चरण पर था। जब दुनिया के लोग शिक्षा व्यवस्था के बारे में नहीं जानते थे तब ज्ञान–विज्ञान से परिचय नहीं था उस समय हमारे देश ने पूरे विश्व को ज्ञान–विज्ञान, शिक्षा देने का काम किया। उस समय हमारे देश में नालंदा व तक्षशिला और विक्रमशिला जैसे प्रसिद्ध विश्वविद्यालय के रूप में काम करते थे। इस प्रणाली की सबसे बड़ी विशेषता थी कि इसका समग्र दृष्टि को शिक्षार्थी हृदय और आत्मा के विकास में समान रूप से ध्यान देता था। यही समग्रता गुरुकुल प्रणाली की अद्वितीय और प्रभावशाली बनाती थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति द्वारा प्राचीन शिक्षा के समग्र दृष्टिकोण को फिर से प्राथमिकता देकर प्राचीन भारतीय शिक्षण प्रणाली के गौरव को पुनःस्थापित करने में लिया गया एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए अपने विकल्प रूपी संकल्प को पूरा करने के लिए वह प्रतिबद्ध है और कहा कि जब शिक्षकों द्वारा हमारे छात्र–छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जाएगी तभी यह हमारा संकल्प पूरा होगा। मुख्यमंत्री ने बच्चों को देश की उज्ज्वल भविष्य की नींव बताया और कहा कि प्रधानमंत्री का संकल्प है कि जब भारत की आजादी के 100 वर्ष पूरे होंगे तो भारत दुनिया का विकसित भारत बनेगा। विकसित भारत का संकल्प लेकर भारत पूरे विश्वगुरु के तौर पर उभरेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्र छात्रा शिक्षा को अपने जीवन की सर्वोच्च प्राथमिकता बनाएं। साथ ही कहा कि अगर कोई भी छात्र–छात्राएं आगे बढ़ता है तो उससे माता-पिता, शिक्षकों, स्कूल और क्षेत्र का नाम रोशन होता है। बच्चा कक्षा में, गांव में, ब्लॉक में, तहसील में, जिले में प्रथम आयेगा तो आसपास रहने वाले लोगों की भावनाएं व उम्मीद बढ़ जाती है कि बच्चा अपना लक्ष्य को प्राप्त करेगा। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि इस पर्वतीय/सीमांत क्षेत्रों से नौजवान निकलकर पूरी दुनिया में अपना नाम रोशन कर अनेक नए कीर्तिमान स्थापित करने का काम करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आज ऐतिहासिक फैसले के लिए पूरे देश में एक मॉडल के रूप में स्थापित हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल की बात की जाये तो, कुछ साल पहले नकल के कारण से कई माता-पिता के बेटे और बेटियों का हक मारा जा रहा था और उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा था। परीक्षा उपरांत अखबारों में छप जाता था कि परीक्षा में धांधली हुई है। परिणाम में जिनका नाम आना चाहिए चयन सूची में उनका नाम नहीं आता था। लगातार गरीब माता-पिता के बेटे और बेटियों का हौसला कम हो रहा था। राज्य सरकार ने इस पर परीक्षण किया और पूरी तरह से नकल की पुष्टि हुई जिस पर कड़े निर्णय लेते हुए हमने देश का सबसे कठोर नकल रोधी कानून बनाया। इस कानून के तहत नकल में पकड़े जो भी व्यक्ति चाहे छोटा हो बड़ा हो कोई अधिकारी क्यों न हो उसके खिलाफ हमने कड़ी कार्रवाई की है और करेंगे। हमने नकल माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई कर 100 से अधिक लोगों को जेल की सलाखों के पीछे भेजने का काम किया है साथ ही तय किया है कि कोई भी गरीब माता-पिता के बेटे और बेटियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करेगा और उनकी मेहनत और लगन पर डाका डालेगा उसपर नकलरोधी कानून के तहत कड़ी कार्रवाई करेंगे। इस कानून में उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान किया है। सरकार द्वारा ढाई साल में ही 19 हजार पदों पर नियुक्ति प्रकिया संपन्न करवा कर रोजगार देने का कार्य किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार आदर्श जनपद चंपावत की परिकल्पना की ओर तेज गति से अग्रसर है। विभिन्न क्षेत्रों के साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में अनेक कार्य गतिमान है,जिले में सम्पर्क फाउंडेशन द्वारा 333 राजकीय प्राथमिक एवं राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों में स्मार्ट टीवी विषयवार फ्री लोडेड उपलब्ध कराई गई है। यूकॉस्ट के माध्यम से चंपावत में साइंस सेंटर बनाया जा रहा है। जिले में लैब ऑन व्हील कार्यक्रम के अंतर्गत जो 20 विद्यालय लिए हैं उनमें साइंस मॉडल प्रदर्शनी , विज्ञान के प्रयोगात्मक गतिविधियां संपन्न कराई जा रही है। टनकपुर क्षेत्र में नेताजी सुभाष चंद्र बोस छात्रावास का संचालन किया जा रहा है जिसमें अनाथ बच्चों को उसमें वरीयता दी जा रही है वर्तमान में 38 बच्चों को इसमें प्रवेश दिया गया है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस छात्रावास का निर्माण कार्य हेतु 3 करोड़ 20 लाख रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई। जिले के प्राथमिक विद्यालय टनकपुर व बनबसा में स्मार्ट कक्षाओं के निर्माण के लिए 76 लाख 40 हजार रुपए की धनराशि स्वीकृत की गयी। टनकपुर में पुस्तकालय के निर्माण कार्य हेतु 3 करोड़ 5 लाख की डीपीआर तैयार हो गई है। चंपावत में छात्र-छात्राओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए पुस्तकालय का विस्तारीकरण करके 1 करोड़ 39 लाख रुपए की धनराशि स्वीकृत कर डीपीआर तैयार हो गई है। राजकीय इंटर कॉलेज चंपावत में छात्रावास के निर्माण के लिए 5 करोड़ 34 लाख की डीपीआर गठित की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार जनपद चंपावत को आदर्श जनपद बनाने हेतु प्रतिबद्ध है,इस दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा है।


मल्लिकार्जुन पब्लिक स्कूल पंहुचने पर विद्यालय के प्रबंधक हरीश जोशी, चैयरपर्सन रचना जोशी,निदेशक रुद्राक्ष जोशी,प्रधानाचार्य अशोक शर्मा,राहुल सिंह देव द्वारा माननीय मुख्यमंत्री का स्वागत एवं अभिनंदन किया। इस अवसर पर विद्यालय के छात्र छात्राओं द्वारा स्वागत गीत,छोलिया नृत्य आदि प्रस्तुत किए गए। मल्लिकार्जुन स्कूल के निदेशक द्वारा स्कूल के बारे में विभिन्न जानकारी से मुख्यमंत्री को अवगत कराया।

इस अवसर पर दर्जा राज्यमंत्री गणेश भंडारी भाजपा जिलाध्यक्ष चंपावत, निर्मल महरा पिथौरागढ़ गिरीश जोशी, प्रशासक जिला पंचायत ज्योति राय, विधायक प्रतिनिधि प्रकाश तिवारी, भाजपा महामंत्री मुकेश कलखुड़िया, सतीश पाण्डे, श्याम नारायण पाण्डे, शंकर पाण्डे व जिलाधिकारी नवनीत पाण्डे, पुलिस अधीक्षक अजय गणपति, सीडीओ संजय कुमार सिंह, एडीएम हेमंत कुमार वर्मा, सहित स्थानीय गणमान्य नागरिक, विद्यालय के अध्यापक-अध्यापिकाऐं छात्र-छात्राएं सहित स्थानीय लोग मौजूद रहे।

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