टनकपुर (चम्पावत)। चम्पावत जिले के सूखीढांग के ग्राम जौल में ग्रामीणों ने सीसी मार्ग निर्माण में घटिया सामग्री के उपयोग का आरोप लगाते हुए कार्य रोका, मिलीभगत कर बंदरबांट किये जाने का लगाया आरोप।

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टनकपुर (चम्पावत)। चम्पावत जिले के सूखीढांग के ग्राम जौल में ग्रामीणों ने सीसी मार्ग निर्माण में घटिया सामग्री के उपयोग का आरोप लगाते हुए कार्य रोका, मिलीभगत कर बंदरबांट किये जाने का लगाया आरोप।

चम्पावत। टनकपुर श्यामलाताल रोड पर स्थित सूखीढांग के अनुसूचित बाहुल्य ग्राम पंचायत जौल में सीसी मार्ग निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किए जाने से ग्रामीण भड़क गए। उन्होंने कार्यदाई संस्था और ठेकेदार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कार्य रुकवा दिया। उन्होंने बताया निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का इस्तेमाल कर लीपा पोती की जा रही है। जिसे किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। इस आशय की जानकारी ग्रामीणों ने प्रेस को जारी बयान में दी।

ग्रामीणों ने प्रेस को जारी बयान में बताया अनुसूचित बाहुल्य ग्राम जौल में लगभग पांच लाख रुपए की धनराशि से सीसी मार्ग निर्माण का कार्य कराया जा रहा है। जिसमें मानकों के विपरीत सामग्री का इस्तेमाल कर गुणवत्ता को ताक पर रखकर कार्य किया जा रहा है। रात के अंधेरे में नेपाल के मजदूरों को लाकर भ्रष्टाचार का खेल खेला जा रहा है। जिस कारण हमने कार्य रुकवा दिया है। उन्होंने बताया 15 से 20 साल में अनुसूचित गावों के विकास के लिए बजट मिल पाता है । जिसे बंदरबांट किए जाने का खेला किया जा रहा है। उन्होंने बताया लगभग पांच लाख की धनराशि से एससीपी योजना के तहत कार्य शुरू किया गया, लेकिन अभी तक किसी जिम्मेदार अधिकारी ने कार्य की गुणवत्ता को देखने की सुध नहीं ली है। स्थानीय जनप्रतिनिधि अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ रहें है। उन्होंने कहा जब तक मानकों के अनुसार कार्य नहीं किया जाता निर्माण कार्य का विरोध जारी रहेगा।

वही दूसरी ओर ठेकेदार गोबिंद प्रसाद का कहना है कि यह धनराशि गांव के सभी अनुसूचित बाहुल्य क्षेत्रों के निर्माण कार्य को आई है, इसलिए सभी जगह इस राशि से कार्य कराया जाना प्रस्तावित है। उन्होंने गुणवत्ता विहीन कार्य किए जाने को निराधार बताते हुए कहा जो लोग आरोप लगा रहे है वही इसमें कार्य कर रहे है। फिर भी अगर कहीं पर खामियाँ हैं तो उन्हें दूर किया जायेगा।

बताते चलें जब इस संबंध में क्षेत्र पंचायत सदस्य दीपा जोशी और ग्राम प्रधान दीपक राम निर्माण कार्य के बारे में जानना चाहा तो उन्होंनें इस मामले में जानकारी का अभाव बताते हुए अपना पल्ला झाड़ दिया। हैरानी की बात है स्थानीय जनप्रतिनिधियों के क्षेत्र में लाखों रुपयों की धनराशि से निर्माण कार्य हो, और उन्हें कार्य के बारे में पता ही न हो, ये एक बड़ा सवाल सामने आ रहा है।इस मामले में कई बार बीडीओ चंपावत कविंद्र सिंह रावत से फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया लेकिन उनसे संपर्क न होने के कारण उनका पक्ष नहीं मिल पाया ।

इस दौरान हरीश राम आर्या, मदन राम, किशोर टम्टा, सूरज प्रकाश के अलावा अन्य ग्रामीण उपस्थित रहे।

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