अद्वैत आश्रम मायावती में अवकाश प्राप्त सीएओ एवं साहित्यकार भगवत प्रसाद पाण्डेय द्वारा रचित “मेरी साठ बाल कविताएँ ” पुस्तक का हुआ विमोचन,
लोहाघाट (चम्पावत)। अद्वैत आश्रम मायावती में साहित्य और बाल-सृजन के क्षेत्र को समृद्ध करने वाली प्रतिष्ठित कृति ‘मेरी साठ बाल कविताएँ’ का गरिमामय विमोचन किया गया। यह पुस्तक राजस्व विभाग के अवकाश प्राप्त सीएओ एवं साहित्यकार भगवत प्रसाद पाण्डेय द्वारा रचित है। वें पिछले कई दशकों से बाल साहित्य, कविताओं, कहानियों और व्यंग्य लेखन के माध्यम से साहित्य जगत में अपनी विशिष्ट पहचान बनाए हुए हैं। इससे पहले उनकी चर्चित कृति ‘पहाड़ों से निकली पहाड़ों की कहानियाँ’ व्यापक रूप से सराही गई थी। हिमालय का प्राकृतिक सौंदर्य, संस्कृति, लोक-जीवन और पहाड़ी परिवेश को सरल व संवेदनशील भाषा में प्रस्तुत करना उनकी लेखनी की प्रमुख विशेषता है। उन्होंने कहा कि “पर्वतारण्य हिमालय का आँगन ही मेरी जन्मभूमि और कर्मभूमि है। यहाँ पला, बढ़ा और पढ़ा। यहाँ के पहाड़, घाटियाँ, नदियाँ, झरने, वन-उपवन, पशु-पक्षी सबने मुझे अपनी कलम से कुछ रचना गढ़ने की प्रेरणा दी।
बच्चों की जिज्ञासा, प्रकृति-पर्यावरण, तितली–भौंरे, वन्य संसार, फल–फूल और पहाड़ी जीवन की सहजता को उन्होंने अत्यंत मनोहारी शैली में कविताओं के माध्यम से प्रस्तुत किया है। यह पुस्तक बच्चों के लिए मनोरंजन के साथ-साथ शिक्षकों और अभिभावकों के लिए भी एक महत्त्वपूर्ण और संग्रहणीय कृति है।विमोचन कार्यक्रम में उपस्थित साहित्यप्रेमियों और विद्वानों ने इसे बाल साहित्य की महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया और कहा कि यह संग्रह पाठकों को बार–बार पढ़ने की प्रेरणा देगा। कार्यक्रम का संचालन निशांत पुनेठा ने किया।
स्वामी शुद्धिदानंद जी महाराज ने पुस्तक की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह कृति हिमालयी लोक–संस्कृति, प्रकृति और बाल–मन की संवेदनाओं को अत्यंत सरल और प्रभावशाली शैली में प्रस्तुत करती है। वहीं, प्रबुद्ध भारत के संपादक स्वामी दिव्यकृपानंद ने भी पुस्तक के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पाण्डेय की लेखनी पाठकों को उनके परिवेश, प्रकृति और नैसर्गिक संस्कारों से जोड़ने की अद्भुत क्षमता रखती है। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक बच्चों के मन में कल्पना, संवेदना और जिज्ञासा को विकसित करने का सुंदर माध्यम बनेगी। विमोचन समारोह में अद्वैत आश्रम प्रबंधक स्वामी सुहृदयानंद, एसोसिएट एडिटर ज्ञानिष्ठानंद, डॉ. कीर्ति बल्लभ सक्टा, डॉ. तिलक राज जोशी, डॉ. सुनील गोडबोले, डॉ. स्नेहा गोडबोले, गणेश पांडेय, कैलाश खर्कवाल, मीना जोशी, शशांक पाण्डेय, कार्तिकेय सहित कई सम्मानित व्यक्ति उपस्थित रहे।

