नगर पालिका परिषद टनकपुर के ठेकेदारों ने एक वर्ष से लंबित भुगतान किये जाने की मांग को लेकर जिलाधिकारी को सम्बोधित ज्ञापन एसडीएम को सौपा। 

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नगर पालिका परिषद टनकपुर के ठेकेदारों ने एक वर्ष से लंबित भुगतान किये जाने की मांग को लेकर जिलाधिकारी को सम्बोधित ज्ञापन एसडीएम को सौपा।

➡️ एक साल से भुगतान न होने का ठेकेदारों ने नगर पालिका पर लगाया आरोप.

➡️ चहेते ठेकेदारों का भुगतान कर पक्षपात किये जाने की करी शिकायत.

➡️ पालिकाध्यक्ष और उनके पिता द्वारा निजी कार्यालय मे ठेकेदारों से बदसलूकी, गाली गलौज और अभद्रता का लगाया आरोप.

टनकपुर (चम्पावत)। नगर पालिका के पंजीकृत ठेकेदारों के बकाया भुगतान के मामले का समाधान होना तो दूर की बात लेकिन अब मामला चेयरमेन और ठेकेदारों के बीच तूल पकड़ते हुए गर्माने लगा हैं, जिलाधिकारी को भेजे गए ज्ञापन मे बकाया भुगतान न होने मे पक्षपात के साथ ही अध्यक्ष विपिन कुमार द्वारा अत्यन्त अपमानजनक व अमर्यादित व्यवहार किये जाने और उनके पिता विनोद प्रकाश द्वारा भी ठेकेदारों के साथ गाली-गलौज एवं अभद्रता किये जाने का ठेकेदारों ने आरोप लगाते हुए मामले की जांच किये जाने की मांग की हैं।

जिलाधिकारी को भेजे गए ज्ञापन मे कॉन्ट्रेक्टर्स ने पालिका परिषद टनकपुर की कार्यप्रणाली में व्याप्त गंभीर अनियमितताओं, पक्षपातपूर्ण भुगतान प्रणाली एवं प्रशासनिक लापरवाही से अवगत कराते हुए कहा कि विगत 6 से 12 माह पूर्व हमारे द्वारा वैध निविदा के अंतर्गत निर्माण कार्य पूर्ण कर दिए गए हैं, परन्तु बार-बार मौखिक एवं लिखित अनुरोध के बावजूद नगर पालिका द्वारा अब तक देय भुगतान नहीं किया गया है। भुगतान में इस अत्यधिक विलम्ब के कारण हम गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं, जिससे न केवल हमारी वर्तमान निविदा कार्य प्रभावित हो रहे है, बल्कि हम मानसिक एवं शारीरिक रूप से भी प्रताड़ना का शिकार हों रहे हैं। उन्होंने कहा हमने कई बार अधिशासी अधिकारी एवं पालिका अध्यक्ष से व्यक्तिगत रूप से मिलकर अनुरोध किया, 24 जुलाई एवं 02 अगस्त को लिखित आवेदन भी प्रस्तुत किए, परंतु आज तक कोई भी कार्यवाही भुगतान हेतु नहीं हों पायी ।

उन्होंने बताया 07 अगस्त को हमने अपनी समस्या मुख्यमंत्री कार्यालय के नोडल अधिकारी केदार सिंह बृजवाल के समक्ष रखी। उन्होंने हमारी समस्या को गंभीर मानते हुए, हमें नगर पालिका अध्यक्ष से मिलने की सलाह दी। जब हम नगर पालिका परिषद टनकपुर पहुंचे, तो चेयरमेन वहां उपस्थित नहीं थे। तत्पश्चात हम सभी उनके निजी निवास पर गए, जहाँ वे अपने “कैम्प कार्यालय” के रूप में कार्य करते हैं, और वहाँ पहुंचकर हम सभी ठेकेदारों के द्वारा लंबित भुगतान हेतु विनम्र निवेदन किया। किन्तु वहाँ अध्यक्ष विपिन कुमार द्वारा अत्यन्त अपमानजनक व्यवहार करते हुए हमें सभी ठेकेदारों को लताड़ लगायी गयी तथा अध्यक्ष और उनके पिता द्वारा ठेकेदारों के साथ गाली-गलौज एवं अमर्यादित व्यवहार किया गया। इस पूरे घटनाक्रम के समय हम सभी ठेकेदार एवं समाज के बहुत लोग भी प्रत्यक्षदर्शी हैं। यह व्यवहार न केवल अत्यंत अमर्यादित है बल्कि शासकीय गरिमा के विपरीत भी है।

इसके अलावा उन्होंने नगर पालिका अध्यक्ष के करीबी कुछ चुनिंदा ठेकेदारों को ही समय पर पक्षपात कर भुगतान किये जाने,पालिका अध्यक्ष के करीबी को सफाई ठेका दिए जाने, पालिकाध्यक्ष द्वारा नियमित रूप से शासकीय कार्यालय में न बैठकर अपने निजी आवास से कार्य संचालन किये जाने, शासकीय फाइलों, दस्तावेजो को उनके निजी आवास पर लाने लें जाने, इन आरोपों की जांच के लिए नगर पालिका टनकपुर परिसर में लगे CCTV कैमरों की रिकार्डिंग फुटेज को संरक्षित किये जाने की मांग की। उन्होंने कहा इस अव्यवस्थित कार्यप्रणाली के कारण ठेकेदारों सहित समाज के अन्य नागरिकों को भी अपने शासकीय कार्यों हेतु नगर पालिका अध्यक्ष के निजी निवास पर जाना पड़ता है, जिससे सरकारी संस्थान की गरिमा प्रभावित हों रही हैं। जिन ठेकेदारों द्वारा कार्य पूर्ण कर दिया गया है, उनके लंबित भुगतान तत्काल प्रभाव से निर्गत किए जाने की सभी ने मांग की हैं। इसके अलावा नगर पालिका परिषद टनकपुर की कार्यप्रणाली में व्याप्त भेदभावपूर्ण भुगतान, निजी आवास से कार्यालय संचालन एवं अन्य अनियमितताओं की निष्पक्ष जांच किये जाने की जिलाधिकारी से गुहार लगायी हैं। ज्ञापन की प्रतिलिपि मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार और प्रमुख सचिव नगर विकास को भेजी गयी हैं, ज्ञापन मे शत्रुघ्न कोठारी, दीपक सिंह महर, धीरज सिंह भंडारी, टीका राम खर्कवाल, उत्तरांचल कंस्ट्रक्शन, माँ पूर्णागिरि विल्डकॉन और प्रेम सिंह के हस्ताक्षर मौजूद हैं।

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