मानवीय पहलू – एसएसबी जवानो का सुरक्षा से इतर पशु प्रेम का चेहरा भी आया सामने, मानवता की मिसाल कायम कर दलदल में फंसी गाय को निकालकर दिया जीवनदान।

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मानवीय पहलू – एसएसबी जवानो का सुरक्षा से इतर पशु प्रेम का चेहरा भी आया सामने, मानवता की मिसाल कायम कर दलदल में फंसी गाय को निकालकर दिया जीवनदान।

टनकपुर (चम्पावत)। भारत नेपाल सीमा पर एसएसबी जवानों का मानवीय चेहरा भी सामने आया है, जहाँ गश्त के दौरान एसएसबी जवानो ने दल दल मे फंसी गाय को काफी प्रयासों के बाद सुरक्षित बाहर निकाला। इस आशय की जानकारी एसएसबी से प्राप्त हुई।

प्राप्त जानकारी के अनुसार शुक्रवार को नेपाल सीमा पर तैनात 57 वाहिनी के जवानों ने दलदल में फंसी गाय को बचाकर दिखाई जीव-जंतुओं के प्रति संवेदनशीलता का परिचय दिया।

नेपाल में हाल ही में उत्पन्न संवेदनशील स्थिति के दृष्टिगत भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 57 वाहिनी सशस्त्र सीमा बल (SSB) के मनोहर लाल, कमांडेंट के निर्देशन में चौकसी को और अधिक मजबूत किया गया है। भारत नेपाल सीमा पर स्थापित 57 वाहिनी के सभी समवायों द्वारा 24×7 सतत गश्त एवं निगरानी की जा रही है, जिससे सीमा क्षेत्र में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। स्थानीय पुलिस प्रशासन एवं वन विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर SSB के जवान न केवल सीमा सुरक्षा के प्रति सजग हैं, बल्कि वे मानवीय मूल्यों और जीव-जंतुओं के प्रति संवेदनशीलता का भी परिचय दे रहे हैं। इसी क्रम में समवाय बनबसा की सीमा चौकी सैलानीगोठ के अंतर्गत गश्त कर रही OP/पेट्रोलिंग टीम ने ग्राम सैलानीगोठ के निकट दलदल में एक गाय को फंसा हुआ देखा। दलदल में फंसी यह गाय जीवित तो थी, परंतु असहाय स्थिति में काफी देर से संघर्ष कर रही थी। टीम के सदस्यों ने बिना समय गंवाए एसएसबी के QRT (त्वरित प्रतिक्रिया दल) को सूचना दी और रेस्क्यू ऑपरेशन प्रारंभ किया। प्रारंभिक प्रयासों में कुछ कठिनाई आई, किंतु SSB के जवानों के अथक प्रयासों से अंततः गाय को सुरक्षित रूप से बाहर निकाल लिया गया। साफ पानी से गाय को धोकर कीचड़ से मुक्त किया गया और उसे सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। इस रेस्क्यू ऑपरेशन में सहायक उप निरीक्षक बोध राज, मुख्य आरक्षी सिकंदर मांझी, आरक्षी जसवीर सिंह, पवन, किशन वीर सिंह एवं मंजीत सिंह समेत अन्य जवानों की सक्रिय भूमिका रही। इस कार्य ने न केवल SSB की तत्परता एवं संवेदनशीलता को दर्शाया, बल्कि यह भी प्रमाणित किया कि बल के जवान सिर्फ सीमा की रक्षा ही नहीं करते, बल्कि जीव-जंतुओं और समाज के प्रति भी अपने कर्तव्यों के प्रति सजग हैं।

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