रेलवे के अतिक्रमण हटाओ अभियान से टनकपुर में दहशत का माहौल, सैकड़ों लोगों ने मौन जुलूस निकालकर किया प्रदर्शन, मुख्यमंत्री से लगायी न्याय की गुहार।
टनकपुर (चम्पावत)। रेलवे द्वारा सोमवार को अतिक्रमण हटाने का ऐलान किए जाने से लोगो में दहशत का माहौल है। सर से छत और परिवार से रोजगार छिन जाने के खौफ से सैकड़ों लोगों ने रविवार की शाम लगभग पांच बजे शास्त्री तिराहे से नगर के मुख्य मार्गो में मौन जुलूस निकालकर राजाराम चौक पर सभा का आयोजन किया। जिसे पूर्व विधायक हेमेश खर्कवाल ने संबोधित कर मुख्यमंत्री उत्तराखंड से बीच का रास्ता अख्तियार कर लोगो को न्याय दिलाए जाने की मांग की।
गौर तलब हैं कि रेलवे विभाग द्वारा टनकपुर के लगभग 200 से अधिक परिवारों के पक्के घरों को तोड़ने की कार्यवाही से नाराज प्रभावितों ने पूर्व विधायक हेमेश खर्कवाल के नेतृत्व में मौन जुलूस निकालकर सूबे के मुखिया से न्याय प्रदान किए जाने की मांग की। चार दशक पहले हुए भीषण अग्निकांड के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री एन.डी. तिवारी द्वारा इन पीड़ित परिवारों को यहां पर बसाया गया था।
इस दौरान पूर्व विधायक हेमेश खर्कवाल के अलावा संगीता शर्मा, सुरेंद्र गुप्ता, पूर्व सभासद प्रतिनिधि वकील अंसारी, देवेन्द्र, अमित भट्ट, गौरव गुप्ता, सौरभ गिरी, गंगा गिरी गोस्वामी, तिलक राम, रशीदा बेगम, कल्पना देवी, बिस्मिल्लहा बेगम, सुनीता वाल्मिकी, इरशाद अंसारी, तोसीम, राकेश राज, दीपक सक्सेना, शादाबा अंसारी, राजू जोशी, दिलदार, खल्लो बेगम, खीमा देवी, आनंदी देवी, प्रेमवती, रज्जो देवी, सुनील वाल्मिकी, मुस्तफा हसन अंसारी, दीपक सक्सेना, जगदीश, राशिद, जमीर अहमद, मुन्नी आदि रहे। वहीं दूसरी ओर रेलवे इज्जतनगर मंडल के जनसंपर्क अधिकारी राजेंद्र कुमार ने बताया कि राजाराम चौराहे तक 108 परिवारो को चिन्हित किया गया है। शीघ्र ही अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
बताते चले रेलवे द्वारा जिस तरह से अतिक्रमण का चिन्हिकरण किया गया हैं, अगर इन्हे वास्तव मे ध्वस्त किया जाता हैं तो समूचा बाजार उजड़ जाएगा, बेरोजगारी के दंश से जूझ रहे इस नगर में बेरोजगारों की लम्बी जमात खड़ी हों जायेगी, जो इस शान्ति प्रिय क्षेत्र के लिए शुभ संकेत नजर नहीं आ रहे हैं, वास्तव मे सरकार और सरकार के लोकप्रिय मुख्यमंत्री को अधिकारियों को मीट कर बीच का रास्ता बनाये जाने के निर्देश देकर इन्हे न्याय प्रदान कराये जाने की महंती व्यवस्था कराये जाने की दरकार हैं, स्थानीय प्रभावित लोग अपने कर्मठ मुख्यमंत्री और क्षेत्र के विधायक को उम्मीद भरी नजरों से टकटकी लगाये निहार रहे हैं ताकि उन्हें समय रहते न्याय मिल सके।