डॉ० आरएस टोलिया उत्तराखंड प्रशासनिक अकादमी, नैनीताल के महानिदेशक, वीपी पाण्डे के दिशा–निर्देशों के क्रम में दो दिवसीय आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यक्रम का जिला सभागार में हुआ सफल समापन।
चम्पावत। आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए कार्यक्रम निदेशक डॉ० ओमप्रकाश ने कहा कि अकादमी में भी इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जाते हैं परंतु सभी को वहां पर बुलाकर प्रशिक्षण देना संभव नहीं हो पता है इसलिए हम जिले स्तर पर, ब्लॉक स्तर पर एवं तहसील स्तर पर जाकर भी आपदा प्रबंधन से संबंधित जागरूकता प्रशिक्षण कार्यक्रम करते हैं, इसी क्रम में जनपद चंपावत को भी हमने चुना है, जिसमें ग्राम विकास अधिकारी, राजस्व उप निरीक्षक, आशा कार्यकर्ता, एएनएम होमगार्ड, एसडीआरएफ को मिलाकर लगभग 60 लोगों ने प्रतिभाग किया है। उन्होंने आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण को सफलतापूर्वक संपन्न करने हेतु जिलाधिकारी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आपदाओं का परिदृश्य वीडियो क्लिप के माध्यम से भी दिखाया गया है, कि किस तरीके से उत्तराखंड राज्य आपदाओं के लिए अत्यधिक संवेदनशील है। यहां पर भूकंप, भूस्खलन, बादल फटना, बाढ़, वन्नाग्नि, घरों में गैस सिलेंडर फटना, घर की आग आदि आपदाओं से कैसे बचा जाय और कैसे आपदाओं का न्यूनीकरण किया जाय, उस पर विस्तृत रूप से चर्चा की ग़यी है। उन्होंने कह की जब आपदाएं आती हैं तो लोग घायल हो जाते हैं और जान–माल की हानि होती है। उस दौरान कैसे राहत व बचाव का कार्य किया जाय कि अधिक से अधिक जानें बचाई जा सके।
एसडीआरएफ के उप निरीक्षक डूंगर सिंह भण्डारी ने कहा कि आपदा के दौरान धैर्य व संयम रखना बहुत जरूरी है और कहा कि घटना की सही सूचना का संप्रेषण करना हमारा दायित्व है। आपदा के दौरान पहले स्वयं को सुरक्षित रखें और कम से कम समय में अधिक से अधिक जानें बचाएं। उन्होंने कहा कि जोखिम का आकलन कर आपातकालीन योजनाएं बनाना जरूरी है। आपदा के दौरान उपकरणों का कैसे उपयोग किया इस हेतु उन्होंने साथ में लायी स्टॉपर सहित सभी मशीनों का प्रयोगात्मक अभ्यास कर उनको चलाने की तकनीकि और सावधानियां बतायी। उन्होंने यह जानकारी दी कि आपदा प्रबंधन हेतु राज्य स्तर पर मुख्यमंत्री पदेन अध्यक्ष, जिला स्तर पर डीएम पदेन अध्यक्ष, तहसील स्तर पर एसडीएम पदेन अध्यक्ष एवं ग्राम पंचायत स्तर प्रधान पदेन अध्यक्ष होते हैं। इसके अलावा हम सभी की भी जिम्मेदारी है कि स्वयं के साथ–साथ अपने समुदाय की कैसे सुरक्षा की जाय इस हेतु प्रशिक्षण जरूरी है।
जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ० गौरांग जोशी ने आपदा के दौरान प्राथमिक उपचार (फर्स्ट ऐड) कैसे दिया जाय उस पर विस्तृत रूप से सभी को जानकारी दी। उनके द्वारा C.A.B first all kid CPR फ्रैंचर, जलना, सांप के काटने, हार्ट अटैक जैसी महत्वपूर्ण बीमारियों से कैसे फर्स्ट ऐड लिया जाय उस पर भी जानकारियां दी गयी। आपदा प्रबंधन अधिकारी श्री देवेंद्र पटवाल के द्वारा जनपद चंपावत में आपदा जोखिम प्रबंधन के सभी पहलुओं पर चर्चा करते हुए आपदाओं के न्यूनीकरण पर धरातल पर काम करने वाले लोगों और राहत व बचाव कार्य करने वालों की जिम्मेदारी पर जोर दिया।
कार्यक्रम में उपस्थित ग्राम पंचायत विकास अधिकारी दिनेश बिष्ट ने आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण को बहुत महत्वपूर्ण बताया उन्होंने कहा कि ‘गोल्डन ऑवर’ आघात के तुरंत बाद के 60 मिनट होते हैं, जिसके दौरान जीवित रहने की दर बहुत अधिक होती है यदि मरीज अपनी चोटों के उपचार के लिए निश्चित देखभाल तक पहुँचने में सक्षम होते हैं इस तरह की महत्वपूर्ण जानकारी हमें इस प्रशिक्षण से मिली है।
प्रशिक्षण समापन में जिलाधिकारी नवनीत पांडे द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम के आयोजन को महत्वपूर्ण बताते हुए डॉ० आरएस टोलिया प्रशासनिक अकादमी, नैनीताल का आभार व्यक्त किया। उन्होंने प्रशिक्षण में उपस्थित प्रतिभागियों से कहा कि आम नागरिकों को भी इस प्रशिक्षण से जानकारी प्रदान करें साथ ही सभी प्रतिभागियों को जिलाधिकारी ने अकादमी के प्रमाण पत्र वितरित किए।
प्रशिक्षण में ग्राम विकास अधिकारी, राजस्व निरीक्षक, एसडीआरएफ चम्पावत की टीम, आशा वर्कर, महिला मंगल दल, युवक मंगल दल, आपदा मित्र, पीआरडी, होमगार्ड, पुलिस कार्मिक उपस्थित रहे।