रातों मे जागकर दिन भर कई किमी पैदल चलकर आपदा प्रभावित इलाकों का जिलाधिकारी कर रहे हैं निरीक्षण, अधिकारियों को लापरवाही न बरतने की दें रहे हैं हिदायत, पूरे सिस्टम को किया हुआ हैं चुस्त दुरुस्त, आम और खास लोग डीएम के कार्यों की कर रहे हैं सराहना।
➡️ टनकपुर और बनबसा के भू-कटाव और जलभराव की स्थिति का जिलाधिकारी ने लिया जायजा.
➡️ छीनीगोठ के राहत शिविर रात मे ज़मीन पर बैठकर प्रभावितो का जाना हाल.
➡️ टनकपुर के खेतखेड़ा और गेंडाखाली के प्रभावितो की समस्याओं पर तत्काल लिया संज्ञान.
➡️ जिलाधिकारी कई किमी पैदल चलकर दूरस्थ क्षेत्रो के दीन दुखियों का बाँट रहे हैं दुःख दर्द.
➡️ डीएम ने दूरस्थ दियूरी के बिलौना तोक मे लधिया नदी से हों रहे भू – कटाव का स्थलीय निरीक्षण कर पीड़ितों का जाना हाल. कहा जनता की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता.
टनकपुर (चम्पावत)। जिलाधिकारी मनीष कुमार ने टनकपुर बनबसा के ग्रामीण क्षेत्रो के अलावा दूरस्थ दियूरी के बिलौना तोक मे लधिया नदी से हों रहे भू – कटाव का स्थलीय निरीक्षण कर प्रभावितो का दुःख दर्द जाना, उन्होंने आपदा राहत मे किसी भी तरह की कोताही न बरतने के अधिकारियों को निर्देश दिए। सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के तहत सरकारी राहत और योजनाओं को समाज के अंतिम व्यक्ति तक कई किमी पैदल चलकर पहुंचाने के दायित्व मे तेज तर्रार जिलाधीश मनीष कुमार कोई कोर कसर बाकी नहीं रख रहे हैं।इसके अलावा जनपद में हो रही भारी वर्षा के चलते उत्पन्न आपात स्थिति पर वह सतत निगरानी बनाए हुए हैं, और प्रशासनिक स्तर पर राहत एवं बचाव कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर संचालित कराया जा रहा है। मंगलवार को जिला अधिकारी ने बनबसा के प्रभावित क्षेत्रो का रुख किया और रात मे छीनीगोठ के राहत शिविर मे पीड़ितों का दुःख दर्द सुनकर दूर करने के मातहतो को निर्देश दिए तो वही बुधवार को टनकपुर क्षेत्र अंतर्गत खेतखेड़ा एवं गेंड़ाखाली का स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने शारदा नदी से हो रहे लगातार भू-कटाव का गहनता से जायजा लिया और प्रभावित ग्रामीणों से वार्ता कर उनकी समस्याओं की जानकारी ली। जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारी टनकपुर को निर्देशित किया कि शारदा नदी का चेनलाइजेशन कर जल प्रवाह को व्यवस्थित किया जाए और आवश्यकतानुसार ह्यूम पाइप डाले जाएं, ताकि जलभराव की समस्या से ग्रामीणों को राहत मिल सके और भू-कटाव की स्थिति पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सके। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी प्रकार की संभावित क्षति को रोकने हेतु तत्काल प्रभाव से सुरक्षा कार्य सुनिश्चित किए जाएं। दीर्घकालिक कार्ययोजना बनाकर स्थायी समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं। भू-कटाव एवं जलभराव से हुई क्षति का त्वरित आंकलन कर प्रभावितों को शीघ्र राहत राशि उपलब्ध कराई जाए। और सभी विभागीय अधिकारी आपसी सामंजस्य और समन्वय के साथ आपात स्थिति में कार्य करें, ताकि समयबद्ध और परिणामोन्मुख कार्रवाई सुनिश्चित हो सके।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने प्रभावित क्षेत्रों में घरों एवं खेतों को हुए नुकसान की जानकारी ली और ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि प्रशासन उनकी हर संभव मदद के लिए प्रतिबद्ध है।उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि राहत शिविरों और प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए भोजन, पेयजल, चिकित्सा और आवश्यक सामग्री की आपूर्ति में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए। इसके पश्चात उन्होंने दियूरी के बिलौना तोक मे लधिया नदी से हों रहे भू – कटाव का जायजा लेकर आवश्यक कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान विधायक प्रतिनिधि दीपक रजवार, पुलिस कप्तान अजय गणपति उपजिलाधिकारी आकाश जोशी सहित पुलिस, सिंचाई, विद्युत, आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य एवं अन्य सम्बन्धित विभागों के अधिकारी, ग्रामीण एवं स्थानीय लोग उपस्थित रहे।











