दो जेसीबी, एक पोकलैंड की मदद से रेलवे विभाग ने टनकपुर में तीन मंजिला होटल व रिक्शा स्टेंड को किया ध्वस्त, भारी संख्या में रही पुलिस फोर्स तैनात।

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दो जेसीबी, एक पोकलैंड की मदद से रेलवे विभाग ने टनकपुर में तीन मंजिला होटल व रिक्शा स्टेंड को किया ध्वस्त, भारी संख्या में रही पुलिस फोर्स तैनात।

टनकपुर (चम्पावत)।रेलवे के इज्जत नगर मंडल के दिशा निर्देश पर टनकपुर में रेलवे की भूमि पर लंबे समय से काबिज हुए लोगों के अतिक्रमण को हटाया गया। शनिवार को सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे तक जेसीबी व पोकलैंड अतिक्रमण पर जमकर गरजी। आखिरकार रेलवे ने काफी मशक्कत के बाद दोपहर दो बजे के लगभग तीन मंजिलें होटल को धराशाई किया । रेलवे के इंजीनियर विभाग की टीम, रेलवे पुलिस फोर्स, स्थानीय प्रशासन और पुलिस की मौजूदगी में रेलवे द्वारा विशेष अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया।

अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान रेलवे द्वारा एक तीन मंजिला होटल एक दुकान और रिक्शा स्टैंड को हटाया गया। इस अभियान से अतिक्रमणकारियों में खासा हड़कंप मचा रहा। वही अब रेलवे विभाग द्वारा चिन्हित 132 अतिक्रमण को भी हटाने का दावा किया है।

उल्लेखनीय हैं कि पीलीभीत रेलवे के सीनियर सेक्शन इंजीनियर ने चम्पावत जिला जज द्वारा रेलवे की भूमि से अतिक्रमण हटाने को लेकर रेलवे के पक्ष में दिए फैसले का हवाला देते हुए तुलसी गुप्ता पत्नी सुरेश चंद्र गुप्ता, सुरेंद्र गुप्ता पुत्र जगदीश प्रसाद गुप्ता, अख्तरी बेगम पत्नी मोहम्मद याकूब अंसारी, खुर्शीद पत्नी मोहम्मद हनीफ और प्रतिभा अग्रवाल पत्नी संजय अग्रवाल के होटल व दुकानों में नोटिस चस्पा करते हुए उन्हें चार अक्टूबर की शाम 6 बजे तक सामान हटाने के निर्देश दिए थे।

शनिवार को तहसीलदार जगदीश गिरी और रेलवे के चौकी प्रभारी चंद्र प्रकाश के नेतृत्व में रेलवे पुलिस, स्थानीय प्रशासन व सिविल पुलिस की निगरानी में अतिक्रमण हटाओ अभियान चला। कोर्ट के आदेश पर शनिवार को तुलसी गुप्ता के होटल को ही गिराया गया जबकि चार अन्य कोर्ट के आदेश वाले अतिक्रमण को सोमवार हटाया जाएगा।

इज्जत नगर रेलवे मंडल के जनसंपर्क अधिकारी राजेंद्र सिंह ने बताया कि सोमवार को यह अभियान फिर चलेगा। उन्होंने बताया कि रेलवे की भूमि में कुल 132 मकान और दुकानों को चिन्हित किया गया है जिसे शीघ्र ही हटाया जाएगा।

 

बताते चले न्यायालय नें कब्जेदारो के भवन व दुकानों को रेलवे सम्पत्ति मानते हुए कब्जेदारो से अपना कब्जा हटाने कें निर्देश दिए। जिसके बाद पांच दुकानों को हटाने के आदेश के बाद रेलवे नें ट्रेक मे अवरोधक बने होटल को धराशायी कर दिया, भारी संख्या में आरपीएफ की तैनाती नें लोगों मे भय का माहौल कायम रखा, लेकिन बड़ा सवाल ये हैं कि न्यायालय के आदेश के बाद पांच दुकानों और भवनों से अतिक्रमण हटाना तो जायज माना जा सकता हैं, लेकिन होटल के बराबर मे मुकेश कश्यप की दुकान और नगर पालिका द्वारा बनाये गये रिक्शा स्टेण्ड को धराशायी किया जाना समझ से परे हैं। आखिर रिक्शा स्टेण्ड और मुकेश कश्यप को अतिक्रमण हटाने का नोटिस दिए बगैर ही जमीदोज किया जाना रेलवे की निरंकुशता को दर्शाता हैं, रेलवे द्वारा अपने अभियान मे गेहूँ के साथ यूँ ही घुन की तरह आगे भी पीसा जाएगा, ये एक बड़ा सवाल हैं?

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