आइटीबीपी बटालियन मे पहली बार आयोजित होम्योपैथिक चिकित्सा शिविर में बड़ी संख्या में हिमवीर महिलाओं ने लिया लाभ, होम्योपैथी से पूर्ण आरोग्य प्राप्त करने के लिए उसमें विश्वास एवं दवा लेने के तौर तरीकों को जानना आवश्यक -डा० उर्मिला
लोहाघाट। हिमवीर जहां अपना घर-बार छोड़कर देश की रक्षा व हमारी सुरक्षा करते आ रहे हैं, वहीं उनके परिवारों की देखरेख, उन्हें स्वस्थ तनाव मुक्त, प्रसन्नचित रखने का हमारा धर्म ही नहीं कर्म भी है। यह बात आईटीबीपी के कमांडेंट संजय कुमार ने बटालियन में विशेष रूप से हिमवीर महिलाओं के लिए पहली बार आयोजित होम्योपैथिक चिकित्सा शिविर का शुभारंभ करते हुए व्यक्त किया उन्होंने होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी एवं इस पैथी की विशेषज्ञ मानी जाने वाली डा०उर्मिला बिष्ट तथा उनके साथ आए वरिष्ठ फार्मासिस्ट उपेंद्रनाथ गुप्ता व भुवन उपाध्याय का स्वागत किया। हिमवीर वाइब्ज वेलफेयर एसोसिएशन की चीफ पैटर्न अनुराधा सिंह ने कहा हम प्रकृति से जितना आत्मसात कर अपने खान-पान,रहन -सहन , आचार विचारो को पवित्र रखेंगे,इसी में हमारे स्वास्थ्य का राज छुपा हुआ है उन्हें बेहद प्रसन्ता हो रही कि आज हिमवीर परिवार ऐसी पैथी से जुड़ रहे हैं, जिससे स्वास्थ्य को लाभ ही लाभ मिलेगा, साइड इफेक्ट नहीं। उन्होंने शिविर के संचालन के लिए जिला होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी डा०अशोक नगरकोटी एवं डा०उर्मिला के प्रति आभार व्यक्त किया ।
शिविर में महिलाओं में जोड़ों के दर्द, खून की कमी, लिकोरिया, मासिक धर्म की समस्या, त्वचा रोग समेत महिलाओं की अन्य बीमारियां पाई गई जबकि बच्चों में मौसमी बुखार व खांसी की अधिकता पायी गई ।होम्योपैथिक विशेषज्ञ डा० उर्मिला ने उन्हें तथा उनकी टीम को सम्मान देने के लिए जहां आभार जताया है वहीं उन्होंने कहा कोई भी ऐसा रोग नहीं है जिसमें जड़ से समाप्त कर रोगी को आरोग्य ना मिले। इसके लिए यह आवश्यक है की होम्योपैथिक दवा में विश्वास करने के साथ दवा का सेवन करने के तौर तरीके की जानकारी आवश्यक है उन्होंने कहा कि आज महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण करने के साथ रोगों का पता लगा लिया है। अब भविष्य में हर 15 दिन में यहां शिविर लगाएंगी ।सभी महिलाओं ने डा० उर्मिला के आत्मिय व्यवहार की सराहना करते हुए आभार जताया ।शिविर में 80 महिलाओं व 5 हिमवीरो का उपचार किया गया। शिविर के संचालन में द्वितीय कमान अधिकारी बेगराज मीणा, उप सेनानी आर. के. बोहरा, सहायक सेनानी बालकृष्ण, ए.सी.एम.ओ. डा० सुरभि, ए.सी.पी. बी०एस० मेहता, एस० एम० दिनेश सिंह एवं इंस्पेक्टर जी०एल० वर्मा ने सहयोग किया।