बड़ी खबर – टनकपुर से लगे चूका क्षेत्र में संचालित एंग्लिंग बीट में एंगुलर ने संरक्षित प्रजाति की महाशीर का किया अवैध शिकार, वन एवं मत्स्य विभाग कार्यवाही में जुटा, राजस्थान का बताया जा रहा हैं एंगुलर।
टनकपुर (चम्पावत)। टनकपुर से लगे चूका सीम क्षेत्र को एंगलिंग बीट घोषित किया गया है, लेकिन यहां अवैध तरीके से संरक्षित प्रजाति की महाशीर मछली का अवैध शिकार किए जाने का वीडियो वायरल हुआ है। जिसके बाद मत्स्य विभाग, और वन विभाग हरकत में आया है। जहां वन महकमे द्वारा राजस्थान निवासी एंगुलर के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही अमल में लाई जा रही है, वही मत्स्य विभाग रिपोर्ट दर्ज कराने की तैयारी कर रहा है। इसके अलावा संबंधित क्षेत्र की परमिट संस्था को आंशिक तौर पर प्रतिबंधित किया गया है। वायरल वीडियो 9 नवंबर 2024 का बताया जा रहा है। जिसमें संरक्षित जीव का एंगलिंग के नाम पर अवैध शिकार किया गया हैं । इस आशय की जानकारी जिला मत्स्य प्रभारी कुंवर सिंह बगड़वाल से मंगलवार को प्राप्त हुई।
उल्लेखनीय हैं कि सरकार द्वारा पर्यटन को बढ़ावा दिए जाने को लेकर तथा स्थानीय स्तर पर रोजगार को बढ़ावा दिए जाने के तमाम प्रयास किए जा रहे है। इसी के तहत चूका सीम क्षेत्र में एंग्लिंग बीट को संचालित करने का दायित्व मत्स्य विभाग द्वारा काली गूंठ महिला मंगल को दिया गया है। लेकिन संरक्षित प्रजाति की महाशीर मछली का अवैध शिकार किये जाने के वायरल वीडियो ने सम्बंधित संस्था पर तमाम तरह के सवाल खड़े कर दिए है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 9 नवंबर को महिला मंगल दल से एंगलिंग की पर्ची कटा के 59 वर्षीय आसिफ रजा खान पुत्र अहसान रजा खान निवासी नजदीक माधो विलास आमेर रोड 64 गोविंद नगर वेस्ट जयपुर राजस्थान काली नदी में एंगलिंग के लिए गया और उसने अन्य लोगों के साथ मिलकर संरक्षित प्रजाति की महाशीर मछली का बेदर्दी से अवैध शिकार कर दिया। जिसका वीडियो वायरल हो रहा है।
इस संबंध में जिला मत्स्य प्रभारी कुंवर सिंह बगड़वाल ने बताया आरोपी के खिलाफ कल बुधवार को रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी, इसके अलावा संबंधित क्षेत्र की परमिट संस्था को प्रतिबंधित किया गया है। वन क्षेत्राधिकारी बूम गुलजार हुसैन ने बताया मामले का संज्ञान लिया गया है, जिस पर कार्यवाही की जा रही है, संरक्षित प्रजाति के जीव का अवैध शिकार करने वालो के विरुद्ध नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही अमल में लाई जा रही है।
बताते चलें एंगलिंग के लिए जारी की जाने वाली पर्ची का प्रारूप भी उचित प्रतीत नहीं हो रहा हैं, जों आखेंट की ओर सीधे तौर पर इशारा करते प्रतीत हो रहा हैं। वहीं सम्बंधित परमिट संस्था का दायित्व पर्ची काटकर मुँह मोड़ लेना प्रतीत हो रहा हैं। एंगुलर को विभागीय शर्तो पर ही एंगलिंग की अनुमति का परमिट जारी कर उन पर नजर रखने का भी दायित्व बनता हैं। हालांकि वीडियो वायरल होनें पर ये मामला सामने आया हैं, इससे पहले भी न जाने कितने मामले घटित हो सकते हैं, ये एक बड़ा सवाल हैं। सम्बंधित विभागों को भी इस मामले में कड़ी कार्यवाही अमल में लाने की आवश्यकता हैं ताकि आने वाले समय में इस तरह की घटनाओ की पुनरावृत्ति न हो सके। अलबत्ता विभागीय जाँच का ऊंट किस करवट बैठता हैं ये तो आने वाला समय ही बताएगा, फिलहाल दबी जुबान से कई सम्बंधित अधिकारी इस मामले में आक्रोश व्यक्त करते नजर आ रहें हैं।