मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी नें बनबसा का भ्रमण कर SSB के योगदान को सराहा, भारत नेपाल सीमा पर निर्माणाधीन मार्ग का किया निरीक्षण।
बनबसा (चम्पावत)।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा भारत-नेपाल सीमा पर स्थित बॉर्डर आउट पोस्ट, गड्डा चौकी, बनबसा के भ्रमण के क्रम में सीमा चौकी बनबसा का भी भ्रमण किया गया जहाँ उनका स्वागत अनिल कुमार शर्मा उप महानिरीक्षक, सशस्त्र सीमा बल, पीलीभीत द्वारा पौधा भेंट कर किया गया।
इस अवसर पर सैनिक सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के आरंभ में उप महानिरीक्षक द्वारा मुख्यमंत्री को SSB द्वारा सीमावर्ती क्षेत्रों में किए जा रहे सुरक्षा, नागरिक कल्याण एवं सामाजिक समरसता से संबंधित कार्यों की जानकारी दी गई। साथ ही मोटे अनाज (श्री अन्न) के पोषण लाभ और क्षेत्रीय जनता को इसके सेवन के लिए प्रेरित करने की पहल की जानकारी साझा की गई। इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने राष्ट्र की सीमाओं की रक्षा में तत्पर जवानों से संवाद करते हुए उन्हें उत्तराखंड की भौगोलिक, सांस्कृतिक एवं सामरिक महत्ता से अवगत कराया। उन्होंने सीमांत क्षेत्र के पहले गाँव “माना” का विशेष उल्लेख करते हुए उत्तराखंड को देश का प्रहरी राज्य बताया। मुख्यमंत्री ने वीर जवानों का मनोबल बढ़ाते हुए “भारत माता की जय” के उद्घोष के साथ सम्मेलन की शुरुआत की और SSB के अनुशासन, समर्पण एवं अद्वितीय सेवा भावना की सराहना की। उन्होंने “ऑपरेशन सिंदूर” का उल्लेख करते हुए इस अभियान में भारतीय सशस्त्र बलों की कुशल रणनीति एवं वीरता की प्रशंसा की।
सम्मेलन के अंत में मुख्यमंत्री ने जवानों से सीधे संवाद किया तथा उनके साथ स्मरणीय सामूहिक चित्रण भी करवाया। उन्होंने कहा कि जवानों के बीच समय बिताना उनके लिए गौरव और प्रेरणा का स्रोत है।
भ्रमण के दौरान 57वीं वाहिनी SSB के कमांडिंग ऑफिसर मनोज कुमार, उप कमांडेंट अनिल कुमार एवं दीपक तोमर के अलावा जिलाधिकारीगण चम्पावत व उधम सिंह नगर, पुलिस अधीक्षकगण, SDM खटीमा एवं पूर्णागिरी, तथा SSB के अधिकारी एवं जवान भी उपस्थित रहे।
भारत नेपाल सीमा पर निर्माणाधीन मार्ग का किया निरीक्षण।
बनबसा। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को बनबसा स्थित भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र में निर्माणाधीन नेपाली सूखा बंदरगाह (ड्रायपोर्ट) तक पहुँचने वाले फोरलेन मार्ग का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने निर्माण स्थल पर अधिकारियों से परियोजना की प्रगति की जानकारी ली और निर्माण की गुणवत्ता एवं समयसीमा के अनुपालन को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बनबसा से नेपाल सीमा तक बनने वाला यह मार्ग रणनीतिक, व्यापारिक और सामरिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसका निर्माण कार्य राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा किया जा रहा है। इस परियोजना के लिए NHAI को 7.28 हेक्टेयर भूमि विधिवत रूप से हस्तांतरित की जा चुकी है। कुल 3.06 किलोमीटर लंबे इस फोरलेन मार्ग के निर्माण हेतु प्रारंभिक रूप से 177 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्राप्त हुई थी। लेकिन भौगोलिक एवं तकनीकी कारणों से अनुमानित लागत में 80 करोड़ रुपये की वृद्धि संभावित है, जिससे कुल बजट 250 करोड़ रुपये तक पहुँच सकता है। निर्माण कार्य मार्च 2023 में प्रारंभ हुआ था और पहले इसे 2024 तक पूर्ण करने का लक्ष्य था। किंतु बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के कारण अब यह परियोजना 2027 तक पूर्ण की जाएगी।
इस मार्ग में एक फ्लाईओवर, एक बड़ा पुल और दो छोटे पुलों का निर्माण प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यह परियोजना भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय व्यापार और आवागमन की दृष्टि से और अधिक सशक्त बनाएगी। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि निर्माण कार्य को तेजी, पारदर्शिता और गुणवत्ता के साथ समयबद्ध रूप से पूरा किया जाए।