पांच एसडीएम का चार्ज अकेली एक एसडीएम के पास होने से, मॉडल जिले के विकास की रफ्तार पड़ी धीमी।
लोग दफ्तरों के चक्कर काटते हो गए हैं परेशान, पूर्णागिरि मेला एवं वनों को बचाने का कार्य भी हुआ टेढ़ी खीर।
लेखक – गणेश दत्त पाण्डेय – वरिष्ठ पत्रकार
चंपावत। जिले की पांच तहसीलों का कार्य एकमात्र एसडीएम के सहारे चल रहा है। जिससे मॉडल जिले में विकास की रफ्तार धीमी पड़ने के साथ इस अव्यवस्था का खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है। वर्तमान में पाटी की एसडीएम नीतेश डांगर के पास लोहाघाट , बाराकोट, चंपावत एवं टनकपुर का अतिरिक्त कार्यभार है । टनकपुर के एसडीएम आकाश जोशी प्रशिक्षण में गए हैं। एसडीएम सदर सौरव असवाल एवं लोहाघाट की एसडीएम रिंकू बिष्ट का यहां से स्थानांतरण होने के बाद उनके प्रतिस्थानी के रूप में बागेश्वर की एसडीएम मोनिका का यहां स्थानांतरण किया गया था। किंतु वहां से उन्हें भी कार्य मुक्त नहीं किया जा रहा है। जिलाधिकारी नवनीत पांडे प्रशासनिक प्रशिक्षण में गए हैं। उनके स्थान में अपर जिलाधिकारी जयवर्धन शर्मा प्रभारी जिला अधिकारी के रूप में कार्य देख रहे हैं ।
लोग इस बात से हैरान है कि मुख्यमंत्री के मॉडल जिले में जिम्मेदार अधिकारियों का क्यों अकाल पड़ा हुआ है ? जबकि विकास कार्यों को गति देने का पूरा दारोमदार उन्हीं के हाथों में होता है । इसी प्रकार तहसीलदार जगदीश सिंह नेगी के पास चंपावत के तहसीलदार का अतिरिक्त चार्ज है। पाटी में नायब तहसीलदार को तहसीलदार का चार्ज दिया गया है । लोहाघाट और चंपावत में नायब तहसीलदार भी नहीं है। जबकि टनकपुर में सितारगंज से नायब तहसीलदार को 6 माह के लिए संबद्ध किया गया है। जिले में 15 मार्च से उत्तर भारत का प्रमुख पूर्णागिरि मेला शुरू होने वाला है। इस वर्ष वर्षा न होने के कारण जंगल बारूद के ढेर बने हुए हैं। जंगलों को आग से बचाने के लिए शासन स्तर से सामूहिक जिम्मेवारियां निर्धारित की गई है। इसके क्रियान्वयन में एसडीएम की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। बागेश्वर की एसडीएम के स्थानांतरण के आदेश जारी हुए दो माह से अधिक का समय बीत चुका है ,उन्हें क्यों नहीं कार्य मुक्त किया जा रहा है? मुख्यमंत्री के मॉडल जिले में अफसरो के बिना लोगों की जो फजीहत हो रही है ,उसे देखने व सुनने वाला कोई नहीं है।
साभार – गणेश दत्त पाण्डेय वरिष्ठ पत्रकार की कलम से.