नेपाल सीमा से लगे चूका गांव में विकास की संभावनाओं को तलाशने गया दल लौटा, खनन क्षेत्र होने के कारण यहां लोगों को व्यवसायिक खनन का दिया जाना चाहिए प्रशिक्षण ।

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नेपाल सीमा से लगे चूका गांव में विकास की संभावनाओं को तलाशने गया दल लौटा, खनन क्षेत्र होने के कारण यहां लोगों को व्यवसायिक खनन का दिया जाना चाहिए प्रशिक्षण।

चंपावत। जिला प्रशासन द्वारा नेपाल सीमा से लगे चूका गांव के समग्र विकास के लिए विभिन्न विभागीय अधिकारियों की गठित टीमों द्वारा चयनित गांवो का भ्रमण कर लोगों से वार्ता करते हुए वहां की ज्वलंत समस्याओं पर चर्चा की गई तथा लोगों से भी जानकारी ली गई कि किस प्रकार के कार्यक्रम इस क्षेत्र में फलीभूत हो सकते हैं। सहकारिता विभाग के सहायक निबंधक सुभाष गहतोड़ी के नेतृत्व गई आधा दर्जन लोगों की टीम ने गांव का विस्तृत भ्रमण कर विकास की संभावना को तलाशा। दल द्वारा जिला प्रशासन को सौंपी गयी रिपोर्ट में कहा गया है कि क्षेत्र में विद्युत की कोई सुविधा नहीं है। यहां आम, लीची, कटहल, अमरूद की व्यापक खेती की जा सकती है। खनन क्षेत्र होने के कारण यहां लोगों को व्यवसायिक खनन का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। गांव में लोगों के पक्के व कच्चे मकान है। पर्यटन की दृष्टि से यह गांव काफी महत्वपूर्ण है। जहां राफ्टिंग, वेडिंग पोस्ट, के अलावा डेयरी, कुकुट पालन, मत्स्य पालन, शहद उत्पादन आदि की अपार संभावना है। क्षेत्र में 5G की मोबाइल कनेक्टिविटी न होने के कारण यहां कोई भी साइबर सेंटर स्थापित नहीं किया जा सकता है। धूरा क्षेत्र में अदरक के बीज का उत्पादन के अलावा यहां मौनपालन की अपार संभावनाएं हैं। इस टीम में वीडीओ पूरन गोस्वामी, एडीओ शोभित अग्रवाल, अवर अभियंता प्रदीप पुरोहित, धूरा सहकारी समिति के सचिव ललित चौड़ाकोटी, आरएसआई कोर्ट केंद्री केके टम्टा समेत तमाम लोग शामिल थे।

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