जाँच – चम्पावत जिले के “मोस्टा” में लगे स्टोन क्रेशर का विरोध जारी, संचालक द्वारा वन पंचायत की भूमि पर अतिक्रमण के बावजूद ग्रामीणों के साथ की जा रहीं दबंगई, अब होंगी मामले की जाँच।

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चम्पावत जिले के “मोस्टा” में लगे स्टोन क्रेशर का विरोध जारी, संचालक द्वारा वन पंचायत की भूमि पर अतिक्रमण के बावजूद ग्रामीणों के साथ की जा रहीं दबंगई, अब होंगी मामले की जाँच।

चम्पावत। जिला मुख्यालय के तोक “मोस्टा” में संचालित स्टोन क्रेशर ग्रामीणों के लिए जी का जंजाल बना हुआ हैं, जहाँ नियमों के विपरीत देर रात तक क्रेशर चलाया जा रहा हैं, वहीं ग्रामीणों द्वारा विरोध करने पर संचालक द्वारा दबंगई दिखा कर उन्हें धमकाया जा रहा हैं। ग्रामीणों के मुताबिक वहाँ पर मौजूद संचालक द्वारा जमकर अभद्रता की जाती हैं और बाहरी डम्पर चालकों को साथ में लेकर उन्हें धमकानें और डरानें की जानकारी सामने आ रहीं हैं, उन्होंनें कहा क्रेशर प्लांट द्वारा वन पंचायत की ज़मीन पर अतिक्रमण कर पेड़ पौधों को नष्ट किया जा रहा हैं। इस सम्बन्ध में वन पंचायत सरपंच, महादेव बाबा ट्रक एसोसिएशन और ग्रामीणों नें संयुक्त बैठक कर इसका विरोध कर 15 दिसम्बर 2024 को मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन भेजा, लेकिन कार्यवाही न होनें पर 10 फरवरी 2025 को एक बार फिर पुनः स्मरण पत्र सीएम कैम्प कार्यालय टनकपुर में सौंपा, जिसके बाद अब मामले की जाँच होनें जा रहीं हैं। जाँच के लिए भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग नें तारीख निश्चित करते हुए चम्पावत एसडीएम से सम्बंधित अधिकारियो व कर्मचारियों को जाँच के दौरान उपस्थित रहने की मांग की हैं।

वन पंचायत व ग्रामीणों से प्राप्त जानकारी के अनुसार महादेव स्टोन क्रेशर द्वारा मोस्टा में भारी अनियमितताये की जा रहीं हैं, वन पंचायत की भूमि पर अतिक्रमण, देर रात तक क्रेशर को चलाना, जल छिड़काव की कोई भी व्यवस्था न होना, धूल से गांव में सांस संबंधी रोगों का फ़ैलना, संचालक द्वारा ग्रामीणों से लगातार अभद्रता करना और धमकाना रोज की दिनचर्या में शुमार हैं, उन्होंनें बताया कई लोगों के साथ मारपीट भी की जा चुकी हैं, लेकिन हमारी अब तक सुनवाई नहीं हुई। उन्होंनें कहा 13 दिसंबर 2024 को संयुक्त बैठक के बाद 15 दिसंबर को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में ज्ञापन सौंपा वहीं 10 फरवरी 2025 को पुनः मुख्यमंत्री से शिकायत की गयी। लेकिन क्रेशर संचालक के तेवर कम होनें के बजाय और उग्र होते जा रहे हैं। ग्रामीणों नें कहा क्रेशर लगने से पूर्व स्थानीय लोगों को रोजगार देने के दावे किये गये थे, लेकिन आज तक स्थानीय लोगों को वहाँ रोजगार तो नहीं मिला। लेकिन अभद्रता, धमकियां और बीमारी अवश्य मिल रहीं हैं। स्थानीय क्रेशर संचालक के आतंक और वन पंचायत की भूमि पर अतिक्रमण से त्रस्त ग्रामीणों नें क्षेत्र के विधायक व सूबे के मुख्यमंत्री से कार्यवाही की गुहार लगाई, जिसके बाद अब सम्बंधित विभाग नें कार्यवाही और जाँच की तारीख निश्चित की हैं। ग्रामीणों नें कहा मुख्यमंत्री के निर्देश पर होनें वाली जाँच से हमें उम्मीद हैं कि ग्रामीणों को न्याय मिलेगा, और क्रेशर संचालक के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।

मुख्यमंत्री को भेजे गये ज्ञापन में वन पंचायत अध्यक्ष, महादेव बाबा ट्रक एसोसिएशन के अध्यक्ष के अलावा बच्चन सिंह अधिकारी, सुनिता देवी, धीरज, राहुल सिंह, हीरा सिंह, राधा देवी, उमा देवी, कैलाश सिंह, मान सिंह, सुन्दर सिंह, रघुवर सिंह, जगत सिंह के अलावा तमाम ग्रामीणों के हस्ताक्षर हैं।

बताते चले क्रेशर संचालक द्वारा स्थानीय लोगों के साथ किये जा रहें दुर्व्यवहार से कहीं न कहीं क्रेशर स्वामी की स्वच्छ छवि भी धूमिल होनें की सम्भावना जताई जा रहीं हैं। अब देखने वाली बात हैं कि विभागीय जाँच के बाद क्या कार्यवाही अमल में लायी जाती हैं, अलबत्ता ग्रामीणों को जाँच का बेसब्री से इन्तजार हैं।

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