टैक्सी चालकों की दबंगई से स्थानीय लोग परेशान, अभद्रता और और मारपीट किये जाने से सम्बंधित एसडीएम को सौपा ज्ञापन, अवैध पार्किंग के मसले पर न्यायालय के आदेशों को भी किया जा रहा है दर किनार।
➡️ अवैध पार्किंग किये जाने का विरोध करने पर टैक्सी चालकों द्वारा अभद्रता, मारपीट व गाली गलौज किये जाने का लगाया गया आरोप.
➡️ स्थानीय लोगो व दुकानदारों ने एसडीएम को ज्ञापन सौप आवश्यक कार्यवाही की करी मांग.
➡️ व्यापारियों ने कहा-हाईकोर्ट के आदेशों का हों रहा है खुला उल्लंघन.
➡️ टैक्सी स्टेण्ड होने के बावजूद दबंगई कर दुकानों के आगे की जा रही है पार्किंग.
➡️ स्थानीय लोगो व दुकानदारों ने सुरक्षा उपलब्ध कराये जाने की करी मांग.
टनकपुर (चम्पावत)। टैक्सी चालको का स्टेण्ड होने के बावजूद उनके द्वारा दुकानों के आगे अवैध पार्किंग किये जाने से स्थानीय लोग खासे परेशान है। उन्होंने टैक्सी चालकों पर दबंगई, मारपीट, अभद्रता और गाली गलौज किये जाने का आरोप लगाते हुए एसडीएम को शिकायती पत्र सौपा, जिसमे उन्होंने अवैध पार्किंग से निजात दिलाते हुए आवश्यक कार्यवाही कर सुरक्षा उपलब्ध कराये जाने की मांग की है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार वार्ड नं. 4 और वार्ड नं. 06 के बीच अवैध रूप से की जा रही टैक्सी पार्किंग और टैक्सी चालकों की दबंगई से स्थानीय व्यापारी और निवासी बेहद परेशान हैं। इसी मुद्दे को लेकर शुक्रवार को व्यापारियों और स्थानीय लोगों ने उपजिलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने टैक्सी चालकों द्वारा की जा रही गाली-गलौच और मारपीट के आरोप लगाए हैं। ज्ञापन में कहा गया है कि टैक्सी चालकों को जब अवैध पार्किंग से मना किया जाता है तो वे व्यापारियों और स्थानीय नागरिकों से अभद्रता करते हैं और कई बार मारपीट की कोशिश भी कर चुके हैं। इस स्थिति से क्षेत्र में भय और तनाव का माहौल बन गया है।
ज्ञापन के साथ नैनीताल हाईकोर्ट के 2019 के उस आदेश की प्रति भी संलग्न की गई है, जिसमें स्पष्ट रूप से उक्त स्थान पर पार्किंग को अवैध घोषित किया गया है। व्यापारियों ने प्रशासन से अवैध पार्किंग पर तत्काल रोक लगाने, वाहनों की पार्किंग के लिए वैकल्पिक और निर्धारित स्थान सुनिश्चित करने के साथ ही व्यापारियों और स्थानीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए पुलिस तैनात किए जाने की मांग की है। व्यापारियों ने कहा टैक्सी स्टेण्ड होने के बावजूद दबंगई कर दुकानों के आगे वाहनो को खड़ा किया जाना हमारे नैतिक अधिकारों का हनन है, अगर हालात यही रहे तो कभी भी कोई अनहोनी घटना घटित हों सकती है।
ज्ञापन देने वालों में संजीव गड़कोटी, खीम सिंह विष्ट,राम अवतार, शंकर जोशी, दिनेश जुकरिया, जगदीश जुकरिया सहित अन्य लोग शामिल रहे।