टनकपुर में श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन नरसिंह अवतार और भक्त प्रह्लाद की भक्ति का हुआ दिव्य वर्णन,श्रद्धा और भक्ति से सराबोर हुआ रामलीला मैदान, मनोहारी झांकियों ने मोहा मन।

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टनकपुर में श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन नरसिंह अवतार और भक्त प्रह्लाद की भक्ति का हुआ दिव्य वर्णन,श्रद्धा और भक्ति से सराबोर हुआ रामलीला मैदान, मनोहारी झांकियों ने मोहा मन।

नवयुवक रामलीला कमेटी टनकपुर द्वारा रामलीला मैदान, टनकपुर में भव्य रूप से आयोजित दशहरा महोत्सव के अंतर्गत चल रही श्रीमद्भागवत कथा का तीसरा दिन भक्तिभाव और दिव्यता से परिपूर्ण रहा। इस अवसर पर कथा वाचक पलक किशोरी ने भगवान के चौथे अवतार नरसिंह अवतार और भक्त प्रह्लाद की अटूट आस्था व भक्ति का मार्मिक और प्रेरणादायक वर्णन किया।

कथा वाचक पलक किशोरी ने श्रद्धालुओं को बताया कि कैसे बालक प्रह्लाद, जो कि राक्षस कुल में उत्पन्न हुआ, फिर भी उसके मन में ईश्वर के प्रति अटूट श्रद्धा थी। उन्होंने कहा कि प्रह्लाद ने जीवन के हर कष्ट को सहकर भी कभी भगवान का नाम लेना नहीं छोड़ा। उसकी भक्ति ही भगवान को धरती पर अवतरित होने के लिए विवश कर गई।

कथा के दौरान यह बताया गया कि जब हिरण्यकश्यप ने प्रह्लाद को मारने के लिए हर प्रयास किया। अग्नि में बैठाया, विष दिलाया, हाथी के पैरों तले कुचलवाया तब भी प्रह्लाद की आस्था डिगी नहीं। अंत में जब हिरण्यकश्यप ने क्रोध में आकर खंभे में से भगवान को ललकारा, तब भगवान विष्णु ने नरसिंह रूप में प्रकट होकर धर्म की रक्षा और अधर्म के नाश के लिए अवतार लिया।

पलक किशोरी ने भक्ति की महत्ता पर जोर देते हुए कहा, सच्ची श्रद्धा और निस्वार्थ प्रेम ही वह शक्ति है जो भगवान को भी प्रकट होने पर विवश कर देती है। जीवन में चाहे कितनी भी कठिनाइयाँ क्यों न आएं, अगर मन में भक्ति है, तो भगवान स्वयं रक्षा करते हैं।

कथा के दौरान झांकियों के माध्यम से नरसिंह अवतार की कथा को दृश्य रूप में प्रस्तुत किया गया। झांकियों में हिरण्यकश्यप का अहंकार, प्रह्लाद की भक्ति और अंत में भगवान नरसिंह का प्राकट्य बड़े ही भावपूर्ण और रोचक ढंग से दर्शाया गया। विशेष प्रकाश व्यवस्था और साउंड इफेक्ट्स ने इन झांकियों को और अधिक प्रभावशाली बना दिया।

श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन रामलीला मैदान श्रद्धालुओं से खचाखच भरा रहा। दूर-दराज़ से आए श्रद्धालुओं ने भगवान की लीला का श्रवण कर आध्यात्मिक आनंद की अनुभूति की। पूरे वातावरण में भक्ति, श्रद्धा और दिव्यता की सरिता बहती रही।

रामलीला कमेटी के सचिव मयंक पन्त ने बताया कि आगामी दिनों में कथा के अन्य प्रसंगों के साथ-साथ और भी झांकियां प्रस्तुत की जाएंगी। उन्होंने भक्तों से अधिक से अधिक संख्या में आकर कथा श्रवण करने का आह्वान किया।

इस दौरान रामलीला कमेटी के अध्यक्ष पंकज अग्रवाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष संजय गर्ग, उपाध्यक्ष कल्पना आर्य, संस्थापक विशाल अग्रवाल, नीरज सिंह, गौरव गुप्ता, सचिव मयंक पन्त, कोषाध्यक्ष अमित परवेज, मेला संचालक हरीश भट्ट, प्रतिभा अग्रवाल, पूनम कोहली, गीता गुप्ता, सुषमा गुप्ता, दीप्ति सिंह, दीपक राय, राहुल देऊपा मौजूद रहे।

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