श्रीमद्भागवत कथा-टनकपुर के गाँधी मैदान में भक्ति भाव से शुरू हुई श्रीमद्भागवत कथा, कथा व्यास पलक किशोरी ने किया शुभारंभ।

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श्रीमद्भागवत कथा-टनकपुर के गाँधी मैदान में भक्ति भाव से शुरू हुई श्रीमद्भागवत कथा, कथा व्यास पलक किशोरी ने किया शुभारंभ।

टनकपुर (चम्पावत) । नवयुवक रामलीला कमेटी टनकपुर द्वारा आयोजित दशहरा महोत्सव का आगाज़ शुक्रवार से धार्मिक और सांस्कृतिक रंग में ढल गया। महोत्सव के अंतर्गत भव्य श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ हुआ। कथा व्यास पलक किशोरी ने भागवत कथा की शुरुआत प्रथम श्लोक के साथ ईश्वर को प्रणाम करते हुए की और भक्तों को धर्म, भक्ति और अध्यात्म के गूढ़ संदेशों से अवगत कराया। कथा के प्रारंभ में उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत केवल एक ग्रंथ नहीं बल्कि मानव जीवन का मार्गदर्शन है। इसे समझना ईश्वर को समझने जैसा है। जीवन में जब व्यक्ति कथा श्रवण करता है, तो उसके मन से कष्ट और भ्रम दूर होते हैं और आत्मा को परम शांति मिलती है। उन्होंने बताया कि भागवत कथा का महत्व इतना व्यापक है कि इसके श्रवण मात्र से ही भक्त के पाप नष्ट हो जाते हैं और मनुष्य ईश्वर की शरण में पहुँच जाता है।

कथा व्यास ने अपने प्रथम दिन के प्रवचन में भागवत की महिमा का विस्तृत वर्णन करते हुए कहा कि यह ग्रंथ स्वयं भगवान श्रीकृष्ण की दिव्य लीला और उपदेशों से भरा हुआ है। इसमें भक्तियोग की सर्वोच्च साधना का मार्ग बताया गया है। उन्होंने भक्तों को यह भी समझाया कि संसार के मोह-माया, दुख और समस्याओं से ऊपर उठकर जब हम भागवत का अध्ययन और श्रवण करते हैं, तब हमारा जीवन पूर्ण और सार्थक हो जाता है।

कथा स्थल पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्र हुए और कथा का रसपान किया। पूरा वातावरण भक्ति संगीत, शंखध्वनि और हरिनाम संकीर्तन से गूंज उठा। कथा पंडाल में श्रद्धालु महिलाएं, बुजुर्ग और युवा गहरी तल्लीनता से कथा श्रवण करते दिखे। बच्चों से लेकर वृद्ध तक सभी भक्ति भाव में डूबे रहे।

नवयुवक रामलीला कमेटी के सचिव मयंक पंत ने बताया कि कथा व्यास पलक किशोरी द्वारा पहले दिन भागवत कथा का अत्यंत सुंदर और भावपूर्ण वर्णन किया गया, जिसे सुनकर हर कोई आत्मविभोर हो गया। उन्होंने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य क्षेत्र में आध्यात्मिक वातावरण बनाना और लोगों को धर्म एवं संस्कृति से जोड़ना है। मयंक पंत ने बताया कि आगामी दिनों में कथा के विभिन्न प्रसंग जैसे भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव, गोवर्धन लीला, श्रीराम और प्रह्लाद चरित्र आदि का मनोहारी वर्णन किया जाएगा। महोत्सव के पहले दिन ही जिस प्रकार से श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी और भक्ति का माहौल बना, उससे स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में यह आयोजन और भी भव्य रूप लेगा। भागवत कथा के साथ ही दशहरा महोत्सव का वातावरण धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक रंगों से सराबोर हो चुका है। यह आयोजन न केवल भक्तों के आध्यात्मिक उत्थान का माध्यम बन रहा है, बल्कि सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक एकता को भी मजबूती प्रदान कर रहा है।

इस दौरान रामलीला कमेटी के अध्यक्ष पंकज अग्रवाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष संजय गर्ग, उपाध्यक्ष कल्पना आर्य, संस्थापक विशाल अग्रवाल, नीरज सिंह, गौरव गुप्ता, सचिव मयंक पन्त, कोषाध्यक्ष अमित परवेज, मेला संचालक हरीश भट्ट, नितिन गुप्ता, अंकुर टंडन, प्रतिभा अग्रवाल, पूनम कोहली, गीता गुप्ता, सुषमा गुप्ता, दीप्ति सिंह, दीपक राय, राहुल देऊपा मौजूद रहे।

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