टूटने लगा है गुरिल्लाओं के सब्र का बाँध, विगत 18 वर्षो से संघर्ष कर रहे गुरिल्लाओं नें आर पार की लड़ाई का किया ऐलान, दो सितम्बर को देहरादून में मुख्यमंत्री आवास करेंगे कूच
चम्पावत। जनपद चम्पावत के गुरिल्लाओ नें प्रदेश के गुरिल्लाओं के साथ मिलकर आर पार की लड़ाई का शंखनाद कर दिया है। उन्होंनें एक सितम्बर को जिले से 400 गुरिल्लाओं के देहरादून कूच का दावा किया है, जो दो सितम्बर को देहरादून में मुख्यमंत्री आवास कूच कर अपने निर्णायक अंतिम आंदोलन का आगाज़ करने जा रहे है। इस आशय की जानकारी चंपावत जिले के गुरिल्ला संगठन जिलाध्यक्ष ललित मोहन बगौली से प्राप्त हुई।
जिलाध्यक्ष ललित मोहन बगोली नें बताया पिछले 18 वर्षों से नौकरी व पेंशन की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे गुरिल्ला अब अपनी अंतिम व निर्णायक लड़ाई लड़ने की तैयारी में जुट गए हैं। सरकार ने गुरिल्लाओ से किए गये वादों को अभी तक नहीं निभाया। बार-बार गुरिल्लाओ को झूठे आश्वासन दिए गए यहां तक कि हाईकोर्ट के आदेश को भी सरकार के द्वारा नहीं माना गया। उन्होंनें बताया प्रदेश में 19 हजार 600 गुरिल्ला है, जिन में से कई गुरिल्लाओं की 18 वर्षों से चल रहे आंदोलन के दौरान मौत भी हो चुकी है। लेकिन हैरानी कि बात है कई गुरिल्लाओं को मौत तो नसीब हुई लेकिन नहीं मिली तो पेंशन और नौकरी। बगोली ने बताया अब प्रदेश के हजारों गुरिल्ला अपनी मांगों को लेकर अंतिम और निर्णायक लड़ाई लड़ने को तैयार है। उन्होंने कहा 2 सितंबर को प्रदेश के हजारों गुरिल्ला मुख्यमंत्री आवास देहरादून को कूच करेंगे और वही अनिश्चितकालीन धरने में बैठ जाएंगे, और जब तक सरकार गुरिल्लाओ की मांगों को नहीं मानेगी तब तक गुरिल्ले अनशन से नहीं उठेंगे, चाहे सरकार कुछ भी कर ले, इस बार बिना अपनी मांगों को पूरी करवाए गुरिल्ला मानने वाले नहीं है। चाहे उन्हें अपनी जान ही क्यों न गँवानी पड़े। उन्होंनें कहा गुरिल्लो के पास अब खोने को कुछ भी नहीं बचा है। उन्होंने कहा एक सितंबर को चंपावत जिले से 400 से अधिक गुरिल्ला देहरादून को कूच करेंगे, उन्होंने प्रदेश के सभी गुरिल्लाओ से 2 सितंबर को देहरादून पहुंचकर अपने इस महाआंदोलन को सफल बनाने की अपील की है।