सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का रविवार को समापन हुआ। कथा वाचक अनंतदास जी ने आखिरी दिन भागवत भक्ति के विविध आयामों पर प्रकाश डाला। इस दौरान पूरा पांडाल ‘बांके बिहारी लाल की जय’ के जयकारों से गूंज उठा।

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सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का रविवार को समापन हुआ। कथा वाचक अनंतदास जी ने आखिरी दिन भागवत भक्ति के विविध आयामों पर प्रकाश डाला। इस दौरान पूरा पांडाल ‘बांके बिहारी लाल की जय’ के जयकारों से गूंज उठा

कथा की शुरूआत वैदिक मंत्रोच्चार के बीच यजमान परिवार की ओर से पूजन अर्चन और दीप जलाने के साथ हुई। कथा व्यास ने बताया कि श्रीमदभागवत का अर्थ है भगवान में रत, लीन हो जाना। गोपी लीला वर्णन करते हुए उद्धव-गोपी संवाद का रसास्वादन कराया। आचरण को निष्काम भाव से करते रहना चाहिए, अच्छे भक्त का यही लक्षण है। कथा सुनने से मन की व्यथा दूर हो जाती है, यदि हृदय से कथा सुनेंगे तो आप को खुद ही साक्षात भगवान की अनुभूति होगी।

रामलीला कमेटी के सचिव मयंक पंत ने बताया कि सोमवार को हवन पूजन के बाद भव्य भंडारे का आयोजन होने के पश्चात श्रीमद भागवत कथा का विराम हो जायेगा।

इस अवसर पर इस अवसर पर कमेटी के सचिव मयंक पंत, संजय पांडे, संरक्षक संजय अग्रवाल, संरक्षक ओमकार सिंह, संस्थापक विशाल अग्रवाल, नीरज सिंह, चंद्रप्रकाश गुप्ता, बोर्ड अध्यक्ष गौरव गुप्ता, कोषाध्यक्ष अमित परवेज, उपाध्यक्ष करन शर्मा, विपिन गुप्ता, उपाध्यक्ष कल्पना आर्य, पूनम कोहली, पूर्व अध्यक्ष प्रतिभा अग्रवाल, नेहा पांडे, मयंक गर्ग, राजेश अग्रवाल, सुनील सरन अग्रवाल सहित कमेटी के अन्य सदस्य और बड़ी संख्या में भक्त उपस्थित रहे।

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