जिला मुख्यालय चम्पावत में विधिक सेवा प्राधिकरण की पराविधिक कार्यकर्ताओं की तीन दिवसीय कार्यशाला का बुधवार को हुआ समापन।
चम्पावत। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के आदेश पर जिला न्यायालय परिसर में चल रही तीन दिवसीय कार्यशाला में जिले भर से आये सभी पीएलवी को प्रशिक्षण दिया गया। कार्यशाला समापन के अवसर पर प्राधिकरण सचिव भावदीप रावते ने बताया कि समाज में पीड़ित और वंचित लोगों को न्याय दिलाने के उद्देश्य से कार्य कर रहे पीएलवीओं को कानून के विविध पहलुओं से रूबरू करा कर उनकी जानकारी को और अधिक सशक्त बनाने के उद्देश्य से कार्यशाला आयोजित की गयी ताकि पराविधिक कार्यकर्ता समाज के बीच जाकर और सशक्त रूप से कार्य कर सकें। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम लोगों को विधिक जागरूकता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
इस अवसर पर माइग्रेशन एंड एसाइलम प्रोजेक्ट की ओर से आये प्रशिक्षक शोएब खान एवं पूजा ने बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई, जिनमें पीएलवी कानून और इसके प्रावधान, संविधान और मौलिक अधिकार, नागरिकों के कर्तव्य और अधिकार, लोक अदालतें और उनकी भूमिका, विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम–1987 के अलावा पीएलवी कानून की प्रत्येक सहायता की जानकारी दी गई। जिसमें नि:शुल्क विधिक सहायता, विधिक सेवा प्राधिकरण की भूमिका, लोक अदालतों की प्रक्रिया, संविधान और उनके अधिकार व कर्तव्यों की जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि जनता तक त्वरित न्याय पहुंचाने एवं छोटे- मोटे झगड़े काे प्रारंभिक स्तर पर निपटारा करने के लिए ही पीएलवी की नियुक्ति की गई है। पीएलवी नालसा स्कीमों को असहाय व गरीबों तक पहुंचाने का काम करेंगे। कार्यक्रम के अंत में समस्त प्रशिक्षणार्थियों को प्रशस्ति पत्र दिए गये।
कार्यशाला में जनपद के समस्त पराविधिक कार्यकर्ताओं के साथ सीएलडीसी विजय राय, वरिष्ठ सहायक समीर कुमार चौधरी, दिनेश भट्ट, सुनील माहरा, जितेंद्र अधिकारी आदि मौजूद रहे।