पानी की जबरदस्त किल्लत – ग्राम पंचायत ककनई मे पीने के पानी की जबरदस्त किल्लत, एक किमी की चढ़ाई चढ़ कर बुझाई जा रही हैं प्यास, सम्बंधित विभाग बना हैं बेखबर, कौन सुनेगा फ़रियाद।
टनकपुर (चम्पावत)। किसी फ़िल्म का मशहूर गीत हैं, “पानी रे पानी तेरा रंग कैसा, जिसमे मिला दो लगे उस जैसा”… आज अचानक उस समय याद आ गया, ज़ब चम्पावत जिले की श्री पूर्णागिरि तहसील के गांव ककनई के लोगो को प्यास बुझाने के लिए लगभग एक किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई से गला तर करने के लिए 20 से 30 लीटर पानी कंधो के सहारे ढोने का दृश्य सामने आया, तब लगा कि इस जिले मे ऐसे भी गांव हैं जहाँ प्यास बुझाने के बदले मे पसीना बहाना पड़ रहा हैं। तब कहीं पसीने का स्वरूप पानी मे तब्दील हों रहा हैं।हालाँकि राज्य सरकार द्वारा पेयजल योजना तो संचालित की गयी हैं, लेकिन विभागीय अधिकारियो की उदासीनता सरकारी योजना की खिल्ली उड़ा रही हैं। इस सम्बन्ध मे ग्रामीणों ने उप जिलाधिकारी और सूबे के मुखिया व क्षेत्रीय विधायक के दरबार मे गुहार लगायी हैं लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ हैं।
सूबे के मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र मे ग्रामीणों ने कहा लधोली ककनई पेयजल एवं पपिंग योजना के तहत पानी का कनेक्शन गांव मे हैं, लेकिन गांव के रसूखदार ने विभाग से मिली भगत कर छः माह से हमारे लिए पानी बंद कर दिया हैं। जिस कारण गांव के चार परिवारो को पानी के जबरदस्त संकट से जूझना पड़ रहा हैं, अपनी और अपने जानवरो की प्यास बुझाने के लिए एक किलोमीटर की खड़ी चढाई से पुरुष, महिलाये और बुजुर्ग पानी लाने को विवश हैं, वही रसूखदार विशन सिंह के आंगन के टेंक से पानी बेतहासा फ़ोर्स के साथ बहते हुए बर्बाद हों रहा हैं। इस मामले मे एक ही परिवार के आंगन मे दो दो पेयजल टेंको का निर्माण सरकारी धन के दुरूपयोग और मिलीभगत की दास्ता बयां कर रहा हैं। ग्रामीणों ने इस मामले मे जांच कर पेयजल समस्या का जल्द समाधान किये जाने की मांग की हैं।
ज्ञापन मे केदार सिंह मेहरा, दलीप सिंह, बसंती देवी, किरन देवी, श्याम सिंह, गीता महरा, सुरेश सिंह, देवकी देवी, प्रेमा देवी, कमल सिंह, हिमानी मेहरा, ऊषा महरा, प्रदीप सिंह आदि के हस्ताक्षर हैं।


