बड़ी खबर – सेना भर्ती में युवाओं कि भीड़ देख प्रशासन के छूटे पसीने, रात में किया 40 बसों का इंतजाम, अभी चार हजार से अधिक युवा है टनकपुर में मौजूद।
टनकपुर (चम्पावत)। पिथौरागढ़ में हो रही प्रादेशिक सेना की भर्ती नें टनकपुर में प्रशासन के हाथ पैर फुला के रख दिए है। देश के विभिन्न प्रांतो से तमाम युवा इस भर्ती में शामिल होनें के लिए टनकपुर के रास्ते पिथौरागढ़ पहुँच रहें है। एसडीएम आकाश जोशी नें बताया प्रशासन द्वारा आज सोमवार को लगभग पांच हजार से अधिक युवाओं को पिथौरागढ़ रवाना किया है और रात नौ बजे तक लगभग चार हजार से भी अधिक युवा टनकपुर में मौजूद है। जिनको पिथौरागढ़ भेजनें के लिए 40 बसों की व्यवस्था की गयीं है।
एसडीएम आकाश जोशी नें बताया आज सोमवार को रूटीन बसों के अलावा दोपहर तक 35 और उसके बाद 58 अतिरिक्त बसें भेजी जा चुकी है, वहीं रात में 40 बसों की और व्यवस्था की गयीं है। लेकिन बावजूद इसके युवाओ की संख्या कम होनें का नाम नहीं ले रही है।
उल्लेखनीय है कि प्रादेशिक सेना भर्ती के लिए पिथौरागढ़ का चयन किया जाना ही उचित प्रतीत नहीं हो रहा है। सर्दियों के दौरान हजारों की संख्या में वहाँ पहुंचने वाले युवाओं को आखिर हाड़ कंपाती ठण्ड में आश्रय लेने की क्या व्यवस्था हो सकती है। यह विचारणीय प्रश्न है। सेना भर्ती बोर्ड को प्रशासन के साथ मीट कर बेहतर तालमेल कर निर्णय लेने की आवश्यकता थी। पर्वतीय मार्ग में आवागमन के लिए ट्रेन का साधन वर्तमान में कोरी कल्पना है, बसें और टैक्सीया ही आवागमन का मुख्य साधन है जों हालातों को देखते हुए नाकाफी है। स्थानीय लोगों की माने तो बनबसा के आर्मी कैंट में अगर भर्ती मेला लगाया जाता तो इन दुश्वारियों का सामना नहीं करना पड़ता।
बताते चलें सोमवार की रात लगभग नौ बजे टनकपुर में लगभग 4 हजार युवा मौजूद है, वहीं 11-30 बजे मथुरा से ट्रेन में तमाम युवा यहाँ पहुंचेंगे। प्रशासन द्वारा चालिस बसों की व्यवस्था की गयीं है, जिनमे अधिकतम दो हजार युवा ही पिथौरागढ़ के लिए जा सकते है, आने वाली ट्रेन और दो हजार से अधिक लोग फिर भी सड़कों पर भटकने पर मजबूर होंगे, सेना भर्ती बोर्ड को आने वाले समय में इन हालातो से सबक लेने की आवश्यकता है। अलबत्ता व्यवस्थाओं में प्रशासन के हाथ पैर फूले हुए है।