जिलाधिकारी ने किया विकास भवन का औचक निरीक्षण, अनुशासनहीनता और अव्यवस्था पर दिखाई सख्ती, औचक निरीक्षण, अनुशासन, स्वच्छता और व्यवस्था पर दिए कड़े निर्देश।
चम्पावत। जिलाधिकारी मनीष कुमार ने शुक्रवार को विकास भवन के विभिन्न कार्यालयों का औचक निरीक्षण किया। औचक निरीक्षण के दौरान उनकी प्राथमिकता अधिकारियों और कर्मचारियों की उपस्थिति, कार्यालयों में अनुशासन एवं अभिलेखों के रख-रखाव की स्थिति रही। जिलाधिकारी ने प्रत्येक कार्यालय में पहुंचकर उपस्थिति रजिस्टरों का निरीक्षण किया, उन्होंने स्पष्ट किया कि शासन की योजनाओं और विकास कार्यों के सुचारू संचालन में लापरवाही और उदासीनता को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने-अपने कार्यालय एवं डेस्क पर नामपट्टिका अंकित करने के निर्देश दिए। उन्होंने परिसर में धूम्रपान एवं गुटखा सेवन करने वालों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि सरकारी कार्यालयों की गरिमा और स्वच्छ वातावरण को हर हाल में बनाए रखना आवश्यक है। उन्होंने विशेष रूप से निर्देश दिए कि विकास भवन परिसर की साफ-सफाई पर नियमित रूप से ध्यान दिया जाए और कार्यालयों के भीतर तथा बाहर गंदगी या अव्यवस्था की स्थिति किसी भी हाल में न हो।
सभी कार्यालयों के अभिलेखों और रजिस्टरों की गहन जांच के दौरान जिलाधिकारी ने अनियमितताएं पाये जाने पर उन्होंने संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध सख्त रुख अपनाते हुए जिला विकास अधिकारी को उनके विरुद्ध शो कॉज नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी मनीष कुमार ने कहा कि अनुशासनहीनता और अव्यवस्था किसी भी स्थिति में सहन नहीं की जाएगी। उन्होंने पशुपालन विभाग के भीतर रखे फायर एक्सटिंग्विशर को बाहर स्थापित करने, सभी कार्यालयों की अलमारियों में इंडेक्स तैयार करने, प्रत्येक कार्यालय के बाहर राइट टू सर्विस बोर्ड लगाने, कार्यालयों में नियमित रूप से वीड आउट की कार्यवाही सुनिश्चित करने तथा विकास भवन परिसर में छोटे बच्चों के लिए क्रेच सेंटर की स्थापना करने के निर्देश भी दिए। साथ ही उन्होंने विकास भवन में फैली हुई विद्युत लाइनों और मीटरों को सुव्यवस्थित ढंग से लगाने के भी निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने जोर देकर कहा कि विकास भवन जैसी महत्वपूर्ण प्रशासनिक इकाई में अनुशासन, पारदर्शिता और जवाबदेही सर्वोपरि है। उन्होंने कहा कि कार्यालयों में समयपालन, पारदर्शी व्यवस्था और जनता की समस्याओं का त्वरित निस्तारण ही शासन की प्राथमिकता है। उन्होंने अधिकारियों को चेताया कि कार्यों में ढिलाई पाए जाने पर व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय कर कठोर कार्रवाई की जाएगी।