खस्ताहाल सड़क – टाण से मछीयाड़ तक सड़क ठीक न होने से काफी नाराज हैं रीठासाहिब आने वाले तीर्थ यात्री, मेले से पूर्व ही तीर्थयात्रियों के आने का सिलसिला जारी।
श्री रीठासाहिब। मीठे रीठे के चमत्कार के लिए प्रसिद्ध गुरुद्वारा श्रीरीठासाहिब में इस वर्ष होने वाला सालाना जोड़ मेला भले ही 9 से 11 जून तक होगा, लेकिन यहां अधिकांश तीर्थ यात्रियों का आना लगातार जारी है। अभी तक गुरुद्वारा को जोड़ने वाली टाण से मछीयाड़ तक 15 किलोमीटर लम्बी सड़क की हालत कई स्थानों में ठीक नहीं है। जिसको लेकर यात्रियों भारी नाराजगी है। सूखीढाग से टाण तक 35 किलोमीटर लंबी सड़क लोक निर्माण विभाग तथा टाण से मछीयाड़ तक 15 किलोमीटर लंबी सड़क पीएमजीएसवाई के पास है। पीएमजीएसवाई के अधीन सड़क की स्थिति बहुत खराब है। जिलाधिकारी नवनीत पांडे ने इस सड़क का स्वयं दौरा कर 30 मई तक सड़क को ठीक करने का निर्देश दे चुके हैं। लेकिन यहां सड़क की स्थिति को देखते हुए ऐसा नहीं लगता है कि सड़क जल्द ठीक हो पाएगी। इसके लिए इस सड़क से चल रहे तीर्थ यात्रियों में भारी रोष है। लुधियाना से आए जगतार सिंह, करतार सिंह, दिलबाग सिंह, जसवंत सिंह, हरेंद्र सिंह आदि का कहना है कि गुरुद्वारे में तीर्थ यात्रियों का आना जारी है। लेकिन इस मार्ग में सड़क जानलेवा बनी हुई है। हालांकि पीएमजीएसवाई के अभियंता वीएस बोहरा का कहना है कि सड़क में अब तेजी से कार्य शुरू कर दिया गया है। जिलाधिकारी नवनीत पांडे इस सड़क को सुगम यातायात योग्य बनाने के लिए इस लिए भी ज़ोर दे रहे है की टनकपुर से चम्पावत, लोहाघाट होते हुए रीठासाहिब पहुचने के लिए जहाँ 150 किलोमीटर लंबा सफ़र तय करना पड़ता है, वही सूखीढांग से रीठासाहिब जाने पर यह दूरी 75 किलोमीटर कम हो जाती है। मेले की व्यवस्थाओं में समन्वय स्थापित कर रहे थानाध्यक्ष कमलेश भट्ट लगातार इस सड़क पर अपना ध्यान केंद्रित किए हुए हैं। श्री भट्ट का कहना है की मेले से जुड़े अन्य विभागों द्वारा काम तेज़ी से किया जा रहा है, जबकि पुलिस मेले को देखते हुए आपराधिक प्रवृत्ति के लोगो पर अपनी बराबर नज़र रखे हुए है। इसके लिए यहाँ खुफिया तंत्र भी सक्रिय है। गुरुद्वारा प्रबंधक बाबा श्याम सिंह के अनुसार गुरुद्वारे में देश-विदेश के तीर्थ यात्रियों के आने का क्रम तेजी से शुरू हो गया है। उनका कहना है कि आजकल तीर्थयात्री मेले की भीड़ से बचने के लिए समय से आगे पीछे दर्शनों के लिए आना अधिक पसंद कर रहे है। जिसमें उन्हें गुरुद्वारे में ठहरने व गुरुवाणी सुनने का तस्सली के साथ अवसर मिल जाता है।