टनकपुर तहसील सभागार में एसडीएम आकाश जोशी की अध्यक्षता में आयोजित व्यापार मंडल और रामलीला कमेटी के विवाद का मैराथन बैठक के बाद हुआ पटाक्षेप।
टनकपुर (चम्पावत)। सोमवार की शाम तहसील सभागार में एसडीएम आकाश जोशी की अध्यक्षता में नवयुवक रामलीला कमेटी और नगर उद्योग व्यापार मंडल के बीच रामलीला मंचन के दौरान व्यवसायिक गतिविधियों को लेकर जारी गतिरोध में एसडीएम आकाश जोशी के दस दुकाने लगाये जाने के निर्देश के बाद विराम लग गया। हालांकि दोनों पक्ष इससे पूरी तरह से संतुष्ट नजर नहीं आये, लेकिन एक व्यापारी नेता को छोड़कर लगभग उपस्थित सभी लोग सहमति का दम्भ भरते नजर आये।
उल्लेखनीय हैं कि व्यापार मंडल द्वारा रामलीला मंचन के दौरान जहाँ एक ओर गाँधी मैदान में कमेटी द्वारा दुकाने लगाकर व्यवसायिक गतिविधियां किये जाने का विरोध किया जा रहा हैं तो वहीं दूसरी ओर स्थानीय दुकानदारों को प्राथमिकता दिए जाने की दलील दी जा रही हैं। जो व्यवसायिक गतिविधियों को न किये जाने का उपहास उड़ाती स्थिरता का अभाव प्रतीत हो रही हैं।
आज की मैराथन बैठक में एसडीएम आकाश जोशी नें रामलीला मंचन के दौरान गांधी मैदान में 35 में से सिर्फ दस दुकानों पर रामलीला कमेटी को समेट कर विवादास्पद मामले में विराम लगा दिया। उन्होंनें कहा बगैर एनओसी के गांधी ग्राउंड में कोई भी झूले नहीं लगाये जाएंगे। ग्राउंड में दस दुकानों, दमकल वाहन, रामलीला मंच और दर्शकों के लिए पर्याप्त स्थान निर्धारित किया गया हैं। जिसके चलते विवाद का पटाक्षेप होता नजर आया, हालांकि अभी इस मामले में आधिकारिक पुष्टि का कोई बयान सामने नहीं आया हैं।
इस दौरान विधायक प्रतिनिधि दीपक रजवार, सीओ शिवराज सिंह राणा, अधिशाषी अधिकारी भूपेन्द्र प्रकाश जोशी, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष दीपचंद पाठक, व्यापार मंडल अध्यक्ष वैभव अग्रवाल, महामंत्री संजय पांडे, अंकित अग्रवाल, राकेश अग्रवाल, संजय अग्रवाल, मोहित गड़कोटी, रामलीला कमेटी की पूर्व अध्यक्ष प्रतिभा अग्रवाल, संरक्षक संजय अग्रवाल, विशाल अग्रवाल, सुनील सरन, नीरज सिंह, मयंक पंत सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
बताते चलें गांधी मैदान में वर्ष भर में रामलीला मंचन सहित लगभग तीन मेलों का आयोजन किया जाता हैं। इन सभी मेलों से अगर व्यवसायिक गतिविधियों को हटा दिया जाये तो मेलों का आयोजन सम्भव प्रतीत नहीं होता। नगर उद्योग व्यापार मंडल द्वारा गांधी मैदान में व्यवसायिक गतिविधियों के खिलाफ शुरू क़ी गयी मुहिम टकराव में परिवर्तित होनें से पूर्व प्रशासन नें मध्यस्थता कर ग्राउंड का बल्यू प्रिंट तैयार कर व्यवस्थाओ को अमली जामा पहनाने का भरसक प्रयास किया हैं, लेकिन बड़ा सवाल ये हैं कि आने वाले समय में इस मैदान में लगने वाले अन्य मेलो के लिए क्या वास्तव में यही ब्ल्यू प्रिंट डिजाइन होगा, या अन्य मेलों में मानक बदले जाएंगे, जो नगर में चर्चा का विषय बना हुआ हैं। अलबत्ता व्यापार मंडल द्वारा शुरू की गयी ये मुहिम अन्य मेलों के अस्तित्व पर तलवार बनकर लटकती प्रतीत हो रही हैं, आगे की क्या परिस्थिति होंगी ये तो आने वाला समय हीं बताएगा, फिलहाल एक सप्ताह से पारे के साथ बढ़ते आक्रोश को प्रशासन नें सूझ बूझ के साथ नीचे लुढ़काने का प्रयास अवश्य किया हैं।